Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Jun, 2022 12:15 PM
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने फास्टैग के संबंध में सोशल मीडिया पर जारी अफवाहों को नकारते हुए शनिवार को कहा कि इस भुगतान ढांचे में व्यक्तियों के बीच किसी तरह का लेनदेन नहीं होता है। दरअसल सोशल मीडिया पर दिखाए गए वीडियो में कहा गया था कि...
नई दिल्लीः भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने फास्टैग के संबंध में सोशल मीडिया पर जारी अफवाहों को नकारते हुए शनिवार को कहा कि इस भुगतान ढांचे में व्यक्तियों के बीच किसी तरह का लेनदेन नहीं होता है। दरअसल सोशल मीडिया पर दिखाए गए वीडियो में कहा गया था कि राजमार्गों पर गाड़ी चलाने वालों को सावधान रहना चाहिए क्योंकि गाड़ी के शीशे की सफाई करने के बहाने लोग फास्टैग से पैसे काट लिए जाते हैं।
एनपीसीआई ने इस बारे में ट्विटर पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर दिखाए जा रहे ऐसे वीडियो निराधार और गलत हैं। एनपीसीआई ने कहा, ‘‘एनईटीसी फास्टैग केवल व्यक्ति और व्यापारी (पी2एम) के बीच लेनदेन ही करता है। इसमें दो व्यक्तियों के बीच (पी2पी) लेनदेन नहीं होता है। इसका मतलब यह है कि एनईटीसी फास्टैग पारिस्थितिकी के माध्यम से कोई भी व्यक्ति धोखे के लेनदेन से पैसा प्राप्त नहीं कर सकता है।''
निगम ने कहा कि केवल अधिकृत सिस्टम इंटीग्रेटर (एसआई) को ही लेनदेन की इजाजत होती है। उसने कहा कि एसआई सिस्टम/कंसेशनेयर तथा बैंकों के बीच का ढांचा पूरी तरह से सुरक्षित है और इसे केवल मंजूरी प्राप्त आईपी एड्रेस और यूआरएल को ही स्वीकार किया जाता है। एनसीपीआई ने कहा कि ऐसे वीडियो के खिलाफ उसने कार्रवाई शुरू कर दी है और उन्हें सोशल मीडिया मंचों से हटाया जा रहा है।