Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 30 Jan, 2023 08:58 PM

नाबालिग से दुष्कर्म करने के मामले में जिला अदालत की फास्ट ट्रैक कोर्ट की एडिशनल एंड सैशन जज स्वाति सहगल ने 22 वर्षीय दोषी आशु को 10 साल की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी को 20 हजर रुपए जुर्माना भी लगाया गया। दायर मामला तीन मई 2019 का है।
चंडीगढ़,(सुशील राज):नाबालिग से दुष्कर्म करने के मामले में जिला अदालत की फास्ट ट्रैक कोर्ट की एडिशनल एंड सैशन जज स्वाति सहगल ने 22 वर्षीय दोषी आशु को 10 साल की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी को 20 हजर रुपए जुर्माना भी लगाया गया। दायर मामला तीन मई 2019 का है।
पीड़िता के पिता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनका बेटा 10-15 पंद्रह दिनों से बीमार चल रहा था और वह गवर्नमैंट मैडिकल स्पैशिएलिटी अस्पताल (जी.एम.एस.एस.-16) में भर्ती था। वह बेटे के साथ कई दिनों से अस्पताल में थे। तभी उनके भाई ने उन्हें सूचना दी कि उनकी 14 साल की बेटी घर से लापता है। उन्होंने घर आकर बेटी की तलाश की लेकिन वह कहीं नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। उन्होंने बेटी गायब होने पर आशु पर शक जताया। यह बात पुलिस को बताई। इसके बाद पुलिस ने जांच की तो उनकी बेटी आशु के घर मिली।
पीड़िता के पिता ने बताया कि आरोपी आशु ने उनकी बेटी पर जबरन शादी करने का दवाब बनाया और साथ ले गया। आशु ने उसके साथ रेप किया था। पुलिस ने आशु के खिलाफ आई.पी.सी. की धारा-363 (अपहरण), 366 (विवाह के लिए अपहरण या महिला को उकसाकर जबरदस्ती करना), 376 (3) (16 साल से कम उम्र की नाबालिग से दुष्कर्म) और पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था।