फर्जी आर्मी अफसर बन ऑनलाइन ठगी करने वाले दो गिरफ्तार

Edited By Updated: 19 Jan, 2020 11:23 AM

arrested

बीटेक के छात्र से ऑन लाइन ठगी होने के बाद डिपरेशन में आकर सुसाइड़ करने के मामले में मोहाली एस.एस.पी. ने एक टीम गठित की थी।

मोहाली(विनोद) : बीटेक के छात्र से ऑन लाइन ठगी होने के बाद डिपरेशन में आकर सुसाइड़ करने के मामले में मोहाली एस.एस.पी. ने एक टीम गठित की थी। जिसके बाद फर्जी आर्मी अफसर बन ऑनलाइन एप्प पर मोबाइल, कार व अन्य सामान बेचने के फर्जी विज्ञापन देकर ठगने वाले गिरोह के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। 

जिन्हें शनिवार कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हे पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। आरोपियों के पकड़े जाने के बाद जुझार नगर में ऑनलाइन ठगी का शिकार होने के बाद सुसाइड करने वाले बीटेक के छात्र सागर का केस भी सुलझ गया है। 

आरोपियों पर बलौंगी थाने में आत्महत्या के लिए उकसाने, विश्वासघात करने व धोखाधड़ी की धाराओं सहित गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान आलम 24 उर्फ संदीप उर्फ दिवांशु व फकरूदीन 45 निवासी जंगलवाली थाना शेरगढ़ जिला मथुरा यू.पी. के रूप में हुई है। यह दोनों सगे भाई हैैं।

सात खाते किए सीज, आरोपियों के खातों में करोड़ों रुपए थे :
साइबर सैल के मुताबिक आरोपियों के सात बैंक खाते सीज कर दिए गए हैं। जिनमें एक करोड़ रुपए थे। पुलिस ने इनके मोबाइल से इन्हें गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। पकड़े जाने के बाद आरोपियों ने कई वारदातें कबूली। 

बलौंगी पुलिस थाने में मृतक सागर के पिता ने शिकायत में पूरी घटना का जिक्र किया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि इन दोनों ठगों ने अपने आप को फौजी बता कर जोरा सिंह बनकर एक ऑन लाइन प्रोडेक्ट बेचने वाली कंपनी की साइट पर नकली इस्तेहार दे रखा था।

सागर ने सेकैंड हैंड मोबाईल फोन खरीदना था, जिसके चलते उसने पेटीएम में 12 हजार रुपए दे दिए। आरोपियों ने न तो उसे फोन दिया और न ही पैसे लौटाए। जिसके कुछ दिन तक पीड़ित ने डिप्रेशन के चलते सुसाइड कर लिया। 

सामान बेचने का विज्ञापन देते थे, जाली आधार कार्ड भेजते :
गिरोह में मैंबर एक ऑन लाइन एप्प पर सामान (मोबाइल, एक्टिवा, कार व अन्य सामान) बेचने का विज्ञापन देते थे। इसमें वह अपने मोबाइल नंबर देते थे। जब भी कोई व्यक्ति संपर्क करता तो खुद को फौजी बताते थे। फौजी का जाली आधार कार्ड व कैंटीन कार्ड व्हाट्सएप के माध्यम से भेजते थे। लोगों को जब विश्वास हो जाता था तो अपने बैंक खातों में रुपए ट्रासर्फर करवा लेते थे। 

गिरोह एक कंपनी की तरह चलता था, ठगी की पूरी ट्रेनिंग दी जाती थी :
पुलिस ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में एक आरोपी 6वीं पास है। जबकि दूसरा अनपढ़ है। गिरोह में मैंबर एक ऑन लाइन एप्प पर सामान बेचने का विज्ञापन देते थे। 

पुलिस का कहना है कि आरोपी काफी शातिर है। आरोपियों का गिरोह एक कंपनी की तरह ही चलता था। इनको ऑनलाइन ठगी करने के लिए खासतौर पर ट्रेनिंग दी जाती थी। जिसके बाद से यह सारी वारदात को अंजाम देते थे। इनके गांव में काफी लोग इस तरह का ही काम करते थे।

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