डिप्टी रजिस्ट्रार ही को-ऑप्रेटिव सोसायटियों का संचालक : स्टेट कमीशन

Edited By Updated: 23 Jun, 2022 10:27 PM

cannot escape arrest for liabilities appeal dismissed in four cases

‘को-ऑप्रेटिव सोसायटियों डिप्टी रजिस्ट्रार सोसायटी या रजिस्ट्रार की देखरेख में काम करती हैं। प्रबंधन कमेटी उन्हीं के आदेशों पर कार्य करती है, जिन्हें कोई भी फैसला अपनी मर्जी से लेने का अधिकार को-ऑप्रेटिव सोसायटीज एक्ट 1961 में नहीं दर्शाए गए इसलिए...

चंडीगढ़,(रमेश हांडा): ‘को-ऑप्रेटिव सोसायटियों डिप्टी रजिस्ट्रार सोसायटी या रजिस्ट्रार की देखरेख में काम करती हैं। प्रबंधन कमेटी उन्हीं के आदेशों पर कार्य करती है, जिन्हें कोई भी फैसला अपनी मर्जी से लेने का अधिकार को-ऑप्रेटिव सोसायटीज एक्ट 1961 में नहीं दर्शाए गए इसलिए डिप्टी रजिस्ट्रार सोसायटी की देनदारियों से पल्ला नहीं झाड़ सकता।’ यह टिप्पणी पंजाब स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रैसल कमीशन के फुल बैंच ने को-ऑप्रेटिव सोसायटी की देनदारियों के लेकर डिप्टी रजिस्ट्रार के खिलाफ 4 मामलों में गिरफ्तारी वारंट को लेकर दाखिल की गई अपीलों को लेकर जारी आदेशों में की है। कोर्ट ने रोपड़ की डल्ला मल्टीपर्पज को-ऑप्रेटिव एग्रीकल्चर सॢवस सोसायटी लिमिटेड की देनदारियों को लेकर डिप्टी रजिस्ट्रार की गिरफ्तारी के आदेश बरकरार रखते हुए उन्हें संबंधित कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल करने की छूट दी है।

 

 
कमीशन की अध्यक्ष जस्टिस दया चौधरी, राजिंद्र गोयल व उर्वशी अग्निहोत्री पर आधारित फुल बैंच ने कहा कि डिप्टी रजिस्ट्रार की ओर से यह दलील देना कि उनका ग्राहक और को-ऑप्रेटिव सोसायटी के बीच होने वाले किसी भी लेन-देन में कोई भूमिका नहीं होती गलत है जबकि डिप्टी रजिस्ट्रार ही उक्त को-ऑप्रेटिव सोसायटी का प्रमुख है और सभी प्रकार की देनदारियों की जिम्मेदारी भी उसकी है। 

 


मैच्योरिटी पर जमाधारक को ब्याज सहित राशि नहीं लौटाई गई 
मामला डल्ला मल्टीपर्पज को-ऑप्रेटिव एग्रीकल्चर सॢवस सोसायटी में एफ.डी.आर. करवाने से संबंधित है, जिसमें मैच्योरिटी पर जमाधारक को निर्धारित ब्याज सहित उसकी बनती राशि नहीं लौटाई गई थी। अमरजीत कौर नामक महिला ने भी रोपड़ की उक्त सोसायटी में एक वर्ष की अवधि के लिए 491538 रुपए की राशि जमा करवाई थी, जिसकी मैच्योरिटी 27 मार्च, 2013 को थी। जमाधारक ने बेटी की शादी का वास्ता देकर सोसायटी से उसकी जमा रकम लौटाने को कहा लेकिन सोसायटी टालमटोल करती रही। इसके बाद महिला ने डिप्टी रजिस्ट्रार को शिकायत की। डिप्टी रजिस्ट्रार की ओर से 8 अगस्त, 2014 को सोसायटी के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया गया, जिसके तहत सोसायटी के एसैट्स अटैच कर दिए गए और नीलामी करके जमाधारकों की राशि लौटाने के तैयारी कर ली थी। उक्त आदेशों के खिलाफ डल्ला को-ऑप्रेटिव सोसायटी ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर स्टे ऑर्डर प्राप्त कर लिए थे, जिस पर अभी अंतिम फैसला आना बाकी है। 

 


डिस्ट्रिक्ट कमीशन के आदेश बरकरार रखे
डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशन रोपड़ ने अमरजीत कौर, हरमीत सिंह, मलकीत सिंह व खेम सिंह नामक व्यक्तियों की जमा राशि को लेकर दाखिल हुई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए डिप्टी रजिस्ट्रार सोसायटीज के खिलाफ नॉन बेलेबल वारंट जारी करते हुए एस.एस.पी. रोपड़ को आदेश दिए कि डिप्टी रजिस्ट्रार संग्राम सिंह को गिरफ्तार कर अगली सुनवाई पर कोर्ट में पेश किया जाए। कमीशन ने पुनॢवचार याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए भी कहा कि बेशक हाईकोर्ट ने सोसायटी की अटैच की गई संपत्ति की नीलामी करने पर रोक लगा दी हो लेकिन जो याचिकाएं जमा राशि नहीं लौटाने को लेकर आई हैं, उनका हाईकोर्ट वाले केस से कोई सरोकार नहीं है इसलिए उन्हें कोई राहत नहीं दी जा सकती। उक्त आदेशों को डिप्टी रजिस्ट्रार ने स्टेट कमीशन में चुनौती दी थी, जिसे खारिज करते हुए डिस्ट्रिक्ट कमीशन के आदेश बरकरार रखे गए हैं। कमीशन ने डिस्ट्रिक्ट कमीशन के आदेशों पर कार्रवाई करने को कहते हुए जमानत याचिका संबंधित कोर्ट में दाखिल करने का अधिकार डिप्टी रजिस्ट्रार को दिया गया है।
 

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