7 साल बाद भी धनास फ्लैट्स में रहने वालों को नहीं मिली मूलभूत सुविधाएं

Edited By Updated: 09 Mar, 2020 11:00 AM

dhanas flats did not get basic facilities

धनास के फ्लैट्स को बने सात साल हो गए लेकिन यहां अब तक प्रशासन ने मूलभूत सुविधाओं को नजरअंदाज कर रखा है।

चंडीगढ़(साजन) : धनास के फ्लैट्स को बने सात साल हो गए लेकिन यहां अब तक प्रशासन ने मूलभूत सुविधाओं को नजरअंदाज कर रखा है। फ्लैट्स में ही पुलिस थाना, आंगनबाड़ी और डिस्पैंसरियां चल रही हैं। यहां के बाशिंदे न केवल हैल्थ डिपार्टमैंट बल्कि अर्बन प्लानिंग विभाग और इंजीनियरिंग विभाग को भी पुलिस थाना, आंगनबाड़ी और डिस्पैंसरियां बनाने को लिख चुके हैं लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा।

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शहर भर में प्रशासन ने फड़ियां हटा दी हैं लेकिन धनास के फ्लैटों के पास बेधड़क फडिय़ां भी लग रही हैं। सीवर ट्रीटमैंट प्लांट के बराबर में यहां मीट की दुकानें भी लगती हैं। धनास के फ्लैट्स में कालोनी नंबर पांच के बाशिंदों को शहर से हटा कर यहां बसाया गया था और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से फ्लैट्स की चाबी अलॉटियों को दिलवाई गई थीं।

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आरोप है कि फ्लैट्स में थाना चलाने की जगह तो कम दी गई थी लेकिन एक ब्लॉक के आधे हिस्से यानि 32 फ्लैट्स की घेराबंदी पुलिस ने कर ली है। इसी तरह आंगनबाड़ी भी दो सैंक्शन हुई थीं लेकिन ये भी फिलहाल फ्लैट्स में ही चल रही हैं। आंगनबाड़ी, डिस्पैंसरी और पुलिस थाने के लिए भी कंस्ट्रक्शन होनी थी जिसका अर्बन प्लानिंग विभाग ने अपने प्लान में जिक्र भी किया था। डिस्पैंसरी के लिए लोगों ने डायरैक्टर हैल्थ को कई मर्तबा लिखा परंतु जवाब मिलता है कि जो डिस्पैंसरी यहां चल रही है या मिल्क कालोनी धनास में है उसमें इलाज करवाओ। 

पार्क की नहीं हो रही मैंटीनैंस :
यहां पार्क की मैंटीनैंस भी नहीं हो रही। बड़ी-बड़ी घास पार्कों में खड़ी है। पानी के बिल भी बिना रीडिंग के भेजे जा रहे हैं। पहले पानी के मीटरों की रीडिंग का काम हाऊसिंग बोर्ड के पास था लेकिन मुलाजिम न होने की वजह से लोगों के कई महीने बिल ही नहीं भेजे गए। 

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फिर अचानक 29 महीने बाद लोगों को एवरेज बिल थमा दिये गए। भारी भरकम बिल देने लोगों के लिए भी मुश्किल हो गए। इसके बाद प्रशासन ने मीटर रीडिंग का काम अपने जिम्मे ले लिया। अब म्यूनिसिपल कारपोरेशन के पास यह काम है लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा। कारपोरेशन भी कई महीनों के बिल एक साथ भेज रही है। 

बाशिंदे अंकित के अनुसार यहां जो पानी के बूस्टर लगे हैं, उनके ऊपर एयर वैंट लगे हैं जिनकी मार्फत कोई भी हादसा हो सकता है। असामाजिक व शरारती तत्व इन ऐयर वेंट की मार्फत कोई भी जहरीला पदार्थ बूस्टर के भीतर डाल सकता है जिससे सारा पानी प्रदूषित हो सकता है। प्रशासन को यहां कई बार चारदीवारी या बाब्र्ड वायर लगाने को कहा गया है लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। 

फायर सेफ्टी के कोई प्रबंध नहीं :
फ्लैट्स में फायर सेफ्टी के भी कोई पुख्ता प्रबंध नहीं है। फायर सेफ्टी की टीम बीते दिनों जरूर दौरा करने आई थी लेकिन आगे क्या करना है इसको लेकर कोई प्लान अभी तैयार नहीं हुआ।

डिस्पैंसरी का नक्शा पास, कंस्ट्रक्शन नहीं हो रहा :
महत्वपूर्ण बात यह है कि डिस्पैंसरी का नक्शा पास है। अर्बन प्लानिंग विभाग ने इसे तैयार किया है लेकिन इंजीनियरिंग विभाग को दोनों विभाग लिख चुके हैं लेकिन इसकी कंस्ट्रक्शन नहीं हो रही। यहां लगातार फडिय़ां भी लग रही हैं। 

प्रशासन की जो जमीन खाली पड़ी है वहां लगातार अवैध तौर पर फडिय़ां लगाई जा रही हैं। सीवर ट्रीटमैंट प्लांट के पास मीट की दुकानें बेधड़क लगाई जा रही हैं हालांकि शहरभर से फडिय़ों वालों को हटाया जा रहा है। कच्चे मीट से कोरोना वायरस का भी खतरा है लेकिन किसी का इस और ध्यान नहीं है। 

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