झारखंड का समृद्ध साहित्य: कहानी, कविता और विचार – आधुनिक दृष्टिकोण में नया क्या है?

Edited By Updated: 21 May, 2025 08:52 AM

jharkhand s rich literature

झारखंड के साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से न केवल समाज की वास्तविकताओं को उजागर किया है, बल्कि साहित्य को एक नई दिशा भी दी है।

चंडीगढ़। झारखंड का साहित्य अपनी सांस्कृतिक जड़ों, आदिवासी पहचान और सामाजिक यथार्थ को प्रतिबिंबित करता है। यहाँ की साहित्यिक परंपरा क्षेत्रीय भाषाओं और हिंदी साहित्य का समृद्ध संगम है, जो आदिवासी जीवन, प्रकृति, संघर्ष और सांस्कृतिक अस्मिता को दर्शाता है। नागपुरी, संथाली, उराँव और खड़िया जैसी भाषाओं में रची गई रचनाएँ झारखंड की साहित्यिक आत्मा को उजागर करती हैं, वहीं हिंदी साहित्य में भी यहाँ के लेखकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

झारखंड के साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से न केवल समाज की वास्तविकताओं को उजागर किया है, बल्कि साहित्य को एक नई दिशा भी दी है। राम दयाल मुंडा ने आदिवासी अस्मिता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को साहित्य के केंद्र में रखा, जबकि राधाकृष्ण की कहानियाँ और उपन्यास यथार्थवाद को सजीव रूप में प्रस्तुत करते हैं। अनुज लुगुन की कविताएँ सामाजिक चेतना को जागृत करने का कार्य करती हैं, वहीं निर्मला पुतुल की रचनाएँ आदिवासी महिलाओं के संघर्षों और भावनाओं को प्रभावशाली तरीके से व्यक्त करती हैं।

आधुनिक हिंदी साहित्य में अंशुमन भगत भी झारखंड के समकालीन लेखकों में प्रमुख स्थान रखते हैं। हिंदी साहित्य में 21वीं सदी के सबसे ज़्यादा पढ़े जाने वाले नॉन-फिक्शन लेखकों में से एक और जमशेदपुर के सबसे प्रसिद्ध लेखक के रूप में पहले स्थान पर चर्चित, अंशुमन भगत ने अपने शब्दों से न केवल पाठकों के दिलों को छुआ है, बल्कि समाज के भीतर गहराई तक उतरने वाली सोच को जन्म दिया है। उनकी कृतियाँ जीवन के यथार्थ, संघर्ष और आत्मखोज की प्रक्रिया को दर्शाती हैं। उनकी पुस्तक "एक सफर में" कलाकारों, संघर्षरत युवाओं और समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने वाली एक प्रेरणादायक रचना है। यह पुस्तक न केवल साहित्य प्रेमियों के लिए रोचक है, बल्कि उन लोगों को भी प्रभावित करती है जो सपनों को साकार करने की राह पर हैं।

झारखंड के औद्योगिक शहरों, विशेषकर जमशेदपुर में, साहित्यिक गतिविधियाँ लगातार बढ़ रही हैं। यहाँ के युवा लेखक साहित्य में नई ऊर्जा और आधुनिक दृष्टिकोण ला रहे हैं। परंपरागत विषयों को नए नजरिए से देखने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे साहित्य में नवीनता और गहराई आई है।

आज के हिंदी साहित्य में आत्मखोज, जीवन दर्शन और सामाजिक यथार्थ जैसे विषय प्रमुख होते जा रहे हैं। नई पीढ़ी के लेखक भारतीय संस्कृति और वैश्विक दृष्टिकोण का समन्वय कर साहित्य को समकालीन और विचारशील बना रहे हैं। साहित्य के इस सफर में झारखंड के लेखक अपनी अलग पहचान बना रहे हैं और हिंदी साहित्य को एक नई दिशा दे रहे हैं।

झारखंड का साहित्य केवल अतीत की धरोहर नहीं, बल्कि भविष्य की संभावनाओं का द्वार भी है। यहाँ की लेखनी न केवल स्थानीय संस्कृति को संरक्षित रखती है, बल्कि सामाजिक परिवर्तन और सकारात्मक बदलाव लाने का भी माध्यम बन रही है।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!