गुरुग्राम में लायंस ब्लड सैंटर पर छापा, सैंटर सील

Edited By Updated: 30 Apr, 2022 08:23 PM

those who play with public health will not be spared

हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने बताया कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा अवैध कार्यों में संलिप्त रक्त केंद्रों के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम के अंतर्गत गुरुग्राम के सैक्टर-56 के सुशांत लोक भाग-2 में लायंस ब्लड सैंटर पर...

चंडीगढ़,(पांडेय): हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने बताया कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा अवैध कार्यों में संलिप्त रक्त केंद्रों के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम के अंतर्गत गुरुग्राम के सैक्टर-56 के सुशांत लोक भाग-2 में लायंस ब्लड सैंटर पर गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की गई और विभिन्न अनियमितताओं को देखते हुए ब्लड सैंटर को तुरंत सील कर दिया गया है तथा गुरुग्राम के सैक्टर-56 स्थित पुलिस थाना में एफ.आई.आर. दर्ज करवा दी गई है। इस छापामारी के दौरान खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों में परविंद्र मलिक, एस.डी.सी.ओ., गुरुग्राम और अमनदीप चौहान, डी.सी.ओ. ने काफी सनसनीखेज खुलासे किए हैं।

 


गौरतलब है कि ब्लड सैंटर पर मैडीकल अधिकारी की पूर्णकालिक तैनाती होनी चाहिए और उसकी मौजूदगी में ही डोनर सिलैक्शन और रक्तदाता के शरीर से रक्त लिया जाना चाहिए परंतु यहां पर दर्शाया गया मैडीकल ऑफिसर डा. विपिन कथुरिया पालम विहार, गुरुग्राम स्थित विजया डायग्नोस्टिक सैंटर पर पैथोलॉजिस्ट के रूप में कार्य करता हुआ पाया गया। उन्होंने बताया कि रक्तदाता रजिस्टर स्क्रीङ्क्षनग फॉम्र्स पर फर्जी हस्ताक्षर होना या थोड़े समय के लिए ब्लड सैंटर पर आकर एक साथ औपचारिकता पूर्ण करने हेतु भी कार्य पाया गया। प्राप्त दस्तावेजों में मैडीकल ऑफिसर का वेतन 60 हजार रुपए प्रतिमाह दिखाया गया, जबकि बैंक खाता स्टेटमैंट की जांच पर 25 हजार रुपए प्रति माह वेतन के तौर पर भुगतान किया गया है। विज ने बताया कि जांच के दौरान पता चला है कि उपरोक्त ब्लड सैंटर द्वारा पिछले 2 वर्षों में 176 आउटडोर ब्लड डोनेशन कैंप बिना अनुमति के आयोजित किए गए, जिनमें 6015 रक्त यूनिट्स एकत्रित किए गए। इनकी कोई सूचना विभाग को नहीं दी गई और न ही इन कैंपों में तकनीकी स्टाफ कानूनी योग्यता रखता था।

 

उन्होंने बताया कि हरियाणा के निवासियों का रक्त शिविरों के माध्यम से दान में लेकर उत्तर प्रदेश के दूरदराज शहरों जैसे कि झांसी, कानपुर और पंजाब के शहरों में बेचना भी पाया गया है, जिसके एवज में 500 रुपए से लेकर 2000 तक रक्त और रक्त कॉम्पोनैंट्स के वसूले गए हैं। ऐसे ही दिल्ली स्थित एक रक्त भंडारण केंद्र जिसको उपरोक्त दोषी ब्लड सैंटर देने हेतु ऑथराइज नहीं था, वहां पिछले 2 हफ्ते के दौरान 164 ब्लड कॉम्पोनैंट्स सप्लाई किए गए। यहां यह बताना आवश्यक है कि खून और रक्त कॉम्पोनैंट्स यदि सड़क के माध्यम से सैकड़ों किलोमीटर दूर ट्रांसपोर्ट शिफ्ट किए जाएं तो कोशिकाएं टूट जाती हैं यानी कि रक्त और कॉम्पोनैंट्स असरहीन हो जाते हैं। लाखों रुपए का अवैध लेनदेन भी इस सैंटर पर पाया गया है, जो कि पुलिस जांच में सामने आने की संभावना है।

 

उन्होंने बताया कि ब्लड सैंटर को मौके पर ही सील कर दिया गया है और इस सारे खेल के पीछे इस ब्लड सैंटर की कार्यकारी निदेशक स्वाति का हाथ है और सैक्टर-56 पुलिस थाना, गुरुग्राम में एफ.आई.आर. दर्ज करवा दी गई है। विज ने बताया कि हरियाणा सरकार ने नशे में दुरुपयोग होने वाली दवाइयों, अवैध रूप से एम.टी.पी. किट बेचने वालों, नॄसग होम्स में अवैध दुकानों और अवैध कार्यों में लिप्त रक्त केंद्रों के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है। उन्होंने बताया कि हरियाणा की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

Related Story

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!