Edited By ,Updated: 15 Apr, 2016 11:08 AM
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी 'राम नवमी' के नाम से जानी जाती है। 'राम' इस सृष्टि में एक सकारात्मक दैविक शक्ति के प्रतिरूप हैं, जिन्होंने संपूर्ण सृष्टि में संतुलन की पुनः स्थापना के लिए जन्म लिया था। इस दिन नक्षत्रों एवं ग्रहों की स्थिति ही कुछ...
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी 'राम नवमी' के नाम से जानी जाती है। 'राम' इस सृष्टि में एक सकारात्मक दैविक शक्ति के प्रतिरूप हैं, जिन्होंने संपूर्ण सृष्टि में संतुलन की पुनः स्थापना के लिए जन्म लिया था। इस दिन नक्षत्रों एवं ग्रहों की स्थिति ही कुछ ऐसी थी कि एक असाधारण दैविक शक्ति ‘राम’ के रूप में मानव शरीर धारण कर सके। प्रत्येक वर्ष का यह दिन राम शक्ति से ओत-प्रोत होता है जो इस दिन की ऊर्जा को बहुत शक्तिशाली बनाता है। गुरु सानिध्य में साधक, सुगमता से इस दिन की असाधारण शक्ति को प्राप्त कर उसे अपनी आत्मिक उन्नति और परोपकारी कार्यों में लगाते हैं।
'राम' शब्द केवल भारतीय उपमहाद्वीप तक ही सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया भर की संस्कृतियों में इस शब्द का किसी न किसी रूप में उल्लेख है। उदाहरण के तौर पर, स्कैंडिनेवियाई देशों में सबसे अधिक बिकने वाला पानी 'राम-लूसा' के नाम से बिकता है। मुसलमानों का पाक महीना भी 'रामदान' कहा जाता है। हेज़रों का बेटा, जो कि डेविड का एक पूर्वज था, 'राम' के नाम से जाना जाता था। इजराइल के राज्य में भी 'जय-हो-राम' नामक राजा ने राज किया था। बाइबिल में भी कम से कम तीन- चार जगहों पर 'राम' शब्द का जिक्र है तथा और भी कई स्थानों, जैसे बेंजामिन, बेथल, आशेर तथा नपताली में भी इस शब्द उल्लेख है। अभी भी 'राम-नगर' के नाम से जेरुस्ल्म में एक शहर मौजूद है। हिब्रू में 'राम' का अर्थ है 'उच्च या महान' जो कि, शक्ति और सत्ता का प्रतीक है तथा अक्सर इसका प्रयोग किसी नेता या मुखिया के लिए किया जाता है। इन उदाहरणों से तो यही प्रतीत होता है कि राम का नाम, दुनिया भर में शुभ माना गया है।
योगी अश्विनी
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