इस SPECIAL विधि से करें षोडशी महाविद्या की पूजा, परिणाम देख हो जाएंगे हैरान

Edited By Updated: 05 Jul, 2019 12:19 PM

4th day of gupt navratri pujan vidhi and mantra

आज आषाढ़ महीने की तृतीया तिथि को गुप्त नवरात्रि के तीसरा नवरात्रि मनाया जा रहा है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन षोडशी महाविद्या की पूजा का विधान होता है। षोडशी मूलप्रकृति शक्ति की सबसे मनोहर बालस्वरुपा श्री विग्रह वाली देवी हैं।

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
आज आषाढ़ महीने की तृतीया तिथि को गुप्त नवरात्रि के तीसरा नवरात्रि मनाया जा रहा है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन षोडशी महाविद्या की पूजा का विधान होता है। षोडशी मूलप्रकृति शक्ति की सबसे मनोहर बालस्वरुपा श्री विग्रह वाली देवी हैं। इनकी कान्ति सूर्य के समान है और ये चतुर्भुजी, त्रिनेत्री, वर, अभय, ज्ञान व तप की मुद्रा को धारण किये हुए हैं। ये सहज व शांत मुद्रा में कमल के आसन पर "क"कार की मुद्रा में विराजमान होती हैं। शास्त्रों में इन्हें त्रिपुर बाला सुंदरी भी कहा जाता है। कहते हैं जो जीव इनका आश्रय ग्रहण कर लेते हैं उनमें और ईश्वर में कोई भेद नहीं रह जाता है। 
PunjabKesari, त्रिपुर बाला सुंदरी, Shodashi Mahavidya, षोडशी महाविद्या
ललिता, राज-राजेश्वरी, महात्रिपुरसुंदरी, बाला, आदि इनकी ही विकसित अवस्थाओं नाम हैं। शास्त्रों में वर्णन के अनुसार भगवती षोडशी श्यामा और अरूण वर्ण के भेद से दो कही गयी हैं प्रथम श्यामा रूप में श्री दक्षिण कालिका कहलाती हैं और द्वितीय अरूण वर्णा श्री षोडशी कहलाती हैं। चारों दिशाओं में चार और एक मुख ऊपर की ओर होने से इन्हें पंचवक्रा भी कहा जाता है। इनमें षोडश कलाएं पूर्ण रूप से विकसित हैं, जिस कारण इन्हें षोडशी कहा जाता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इनकी साधना-आराधना प्रमुख रूप में निम्नलिखित प्रकार से की जाती है-

महाविद्या साधना विधि-
ज्योतिष शासत्र के अनुसार षोडशी महाविद्या के रूप में एकाक्षरी, त्र्याक्षरी, आदि व कुछ "आधुनिक/तथाकथित धर्माचार्यों/गुरुओं" के मतानुसार पंचदशाक्षरी मंत्रों से इनकी साधना की जाती है। इस साधना के परिणाम स्वरूप भगवती षोडशी अपने महाविद्या साधक के जीवन के समस्त आन्तरिक व वाह्य पाप, ताप, दोष, अनीति व अधर्म की समस्त अवस्थाओं का ह्रास करते हुए उसको केवल समस्त भौतिक सर्वैश्वर्यों से सम्पन्न कर देती हैं।
PunjabKesari, त्रिपुर बाला सुंदरी, Shodashi Mahavidya, षोडशी महाविद्याकहा जाता है महाविद्या के रूप में इनकी साधना करने से केवल भौतिक सम्पन्नता की ही प्राप्ति होती है, जिस सम्पन्नता के मद में स्वार्थवश जीव अपनी मानवीय, धार्मिक, नैतिक व न्यायिक सीमाओं का अतिक्रमण करने से तनिक भी नहीं चूकता है।

अतः माना जाता है इस प्रकार से की जाने वाली साधना पुर्णतः भौतिक साधना होती है, जिसमें धर्म व आध्यात्म की उपस्थिति व लाभ अनिवार्य नहीं होता है, साधक स्वयं के प्रयास से स्वयं को मानवीय, धार्मिक, नैतिक व न्यायिक सीमाओं का अतिक्रमण करने से रोक कर आध्यात्मिक बना रह सकता है।  

ध्यान रहे यह साधना गुरुगम्य होकर विधिवत दीक्षा संस्कार सम्पन्न कराकर मंत्र भेद के अनुसार 11, 21 या 41 दिन में विधिवत सम्पन्न की जानी चाहिए है।

मंत्र-
बिंदु त्रिकोणव सुकोण दशारयुग्म् मन्वस्त्रनागदल संयुत षोडशारम्।
वृत्तत्रयं च धरणी सदनत्रयं च श्री चक्रमेत दुदितं पर देवताया: ।।
PunjabKesari, Mantra, Mantra Jaap, मंत्र, मंत्र जाप
यहां जानें पंजाब केसरी के आचार्य कमल नंदलाल से कुछ विशेष उपाय- 
इसके अलावा धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इनकी पूजा से धन लाभ के साथ-साथ सौंदर्य की प्राप्ति होती है।

ज्योतिष विद्वानों के अनुसार इनका पूजा केवल नवविवाहित महिलाओं को ही करना चाहिए।

सुंदरता के लि देवी षोडशी को मुलतानी मिट्टी चढ़ाकर फेस पर लगाएं ।

दांपत्य कलह से ठपटकारे के लिए मखाने की खीर का भोग लगाएं और सुहागिन स्त्रों को दान करें ।

लाइफ में रोमांस लाने के लिए देवी पर कर्पूर चढ़ाकर इससे बेडरूम में धूप करें। 

सुंदर जीवनसाथी पाने के लिए दही और शहद का भोग लगाकर सफ़ेद गाय को खिलाएं। 
PunjabKesari, दही, शहद, Curd, Honey

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!