बहुत मजबूत है राजीव भाटिया उर्फ अक्षय कुमार की कुंडली

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Apr, 2019 12:49 PM

akshay kumars horoscope is very strong

राजीव हरी ओम भाटिया उर्फ अक्षय कुमार का जन्म वृश्चिक लग्र और तुला राशि में गुरु की महादशा में हुआ है। ‘अरे तू कुछ करेगा भी जिंदगी में’ एक दिन इनके पिता हरीओम  भाटिया ने अक्षय कुमार अर्थात राजीव भाटिया से कहा तो इनके

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राजीव हरी ओम भाटिया उर्फ अक्षय कुमार का जन्म वृश्चिक लग्र और तुला राशि में गुरु की महादशा में हुआ है। ‘अरे तू कुछ करेगा भी जिंदगी में’ एक दिन इनके पिता हरीओम  भाटिया ने अक्षय कुमार अर्थात राजीव भाटिया से कहा तो इनके कंठ में उस दिन देव कृपा से जैसे सरस्वती जी आ गई हों इन्होंने कहा ‘करूंगा क्या ? हीरो बनूंगा’ जब स्वयं  भी नहीं मालूम था कि वह एक दिन अक्षय कुमार बन जाएंगे। दिल्ली में एक कोठी की दीवार के पास अपना फोटो खिंचवाने के लिए खड़े हुए तो उसके चौकीदार ने अक्षय कुमार को वहां से हटा दिया था। किस्मत और ग्रहों ने अक्षय कुमार का साथ दिया और आज 100 से अधिक फिल्मों का सफर तय कर चुके सिनेमा जगत के प्रसिद्ध अभिनेता अक्षय कुमार ने उस कोठी को भी खरीदा और सिनेमा जगत और लोगों के दिलों पर राज  कर रहा है। एक-से-एक सुपरहिट फिल्म देने वाले अक्षय कुमार की जन्म कुंडली बहुत मजबूत है और योग कारक है। 

PunjabKesariवृश्चिक लग्र में मंगल लग्रेश और षष्टेश है साथ ही जन्म कुंडली मेंं ‘रूचक योग’ का निर्माण भी कर रहा है। रूचक योग के कारण अक्षय कुमार आज राजा के समान ऐश्वर्यशाली और पराक्रमी भी हैं। लग्रेश मंगल से ही अक्षय कुमार एक्शन हीरो बने। हालांकि अक्षय कुमार मांगलिक हैं और साथ ही स्वाभिमानी भी इसी कारण अक्षय कुमार सिद्धांतवादी व्यक्ति बने और कमजोरों की सहायता करते हैं। 

PunjabKesariअक्षय कुमार कोई भी कार्य करने से पूर्व उसकी रूप रेखा तैयार करते हैं। एकादश भाव में बुध का उच्च और स्व राशि में होने के कारण अक्षय कुमार अपना प्रभाव जमाने के लिए अपनी तेज बुद्धि का प्रयोग करते हैं और असफलता को सफलता में बदलने के लिए हरसंभव प्रयत्न करते हैं।

दशमेश सूर्य राजयोग कारक है। सूर्य का दशम भाव में स्वराशि का होना ‘रविकृत राजयोग’ बना रहा है जिसके कारण अक्षय कुमार का आत्मबल उत्तम है और राजनीति का जबदस्त योग बन रहा है किन्तु वहीं शुक्र भी स्थित है जिसके कारण इन्हें राजनीति में संघर्ष करना होगा। चन्द्रमा का द्वादश भाव में तुला राशि का केतु के साथ होना उम्र बढऩे के साथ अध्यात्म मार्ग पर ला खड़ा कर देगा और धन को लोगों के उपकार, महिलाओं की सुरक्षा, देश अथवा राज्य में संकट के समय खर्च भी करेगा। 

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