Edited By ,Updated: 20 May, 2015 04:28 PM
* जिस मनुष्य में स्वयं का विवेक, चेतना और बोध नहीं है, उसके लिए शस्त्र क्या कर सकता है, जैसे की आंखों से हीन अर्थात अंधे मनुष्य के लिए दर्पण क्या कर सकता है।
* जिस मनुष्य में स्वयं का विवेक, चेतना और बोध नहीं है, उसके लिए शस्त्र क्या कर सकता है, जैसे की आंखों से हीन अर्थात अंधे मनुष्य के लिए दर्पण क्या कर सकता है।
* स्वार्थ से रिश्ते बनाने की कितनी भी कोशिश करो रिश्ता बनेगा नहीं और प्यार से बने रिश्ता को तोडऩे की कितनी भी कोशिश करो टूटेगा नहीं।
* किसी के दिल को ठेस पहुंचा कर माफी मांगना बहुत ही आसान है लेकिन किसी से चोट खाकर किसी को माफ करना बहुत ही मुश्किल है।
* यह सच है कि आदतें बदलना आसान नहीं हैं, किन्तु जो आदतें न बदल सके वह इंसान नहीं है। बहुत बड़ा सच है यह, एक बार में एक आदत को सुधार कर उसका पूरा लाभ जीवन में अपनाकर ही आगे बढ़ा जाए।
* यदि आप सचमुच खुश रहना चाहते हैं तो आज ही अपनी इच्छाओं, कर्मों, रिश्तों और बेइमानियों के लिए एक सीमा कर लीजिए।
* जिंदगी जीना आसान नहीं होता बिना संघर्ष कोई महान नहीं होता, जब तक न पड़े हथौड़े की चोट, पत्थर भी भगवान नहीं होता।
* मेहनत कहती है कि आप मुझे किसी भी रूप में करके देखो, मैं आपको उसी रूप में मंजिल दिला दूंगी लेकिन मेरे सहयोगी धैर्य को साथ लेना न भूलना क्योंकि उसके बिना मैं अधूरी हूं।
* आपको पता है प्रेम अंधा क्यों होता है? क्योंकि आपकी माता ने आपका चेहरा देखने से पहले ही आपसे प्रेम करना शुरू कर दिया था।
* प्रसन्न रहने के दो ही उपाय हैं, पहला अपनी आवश्यकताओं को कम करें और दूसरा परिस्थितियों से तालमेल बैठाएं आप सदा सुखी रहेंगे।
* किसी भी मनुष्य की वर्तमान स्थिति को देखकर उसके भविष्य का उपहास नहीं उड़ाएं क्योंकि काल में इतनी शक्ति है कि वह एक साधारण से कोयले को धीरे-धीरे हीरे में बदल देता है।