Bihar Panchami: आज मनाया जा रहा है श्री बांके बिहारी का प्रकाट्य उत्सव, देखें खूबसूरत झलकियां

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 28 Nov, 2022 10:52 AM

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वृंदावन में आज ललिता सखी के अवतार सब के लाडले ठाकुर श्री बांके बिहारी जी का प्राकट्योत्सव बिहार पंचमी के रूप में मनाया जा रहा है। वैसे तो बिहार पंचमी का उत्सव  बहुत सारे स्थानों पर मनाया जाता है

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Bihar Panchami 2022: वृंदावन में आज ललिता सखी के अवतार सब के लाडले ठाकुर श्री बांके बिहारी जी का प्राकट्योत्सव बिहार पंचमी के रूप में मनाया जा रहा है।

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वैसे तो बिहार पंचमी का उत्सव बहुत सारे स्थानों पर मनाया जाता है लेकिन इसकी सबसे अधिक धूम बांके बिहारी जी के प्राकट्य स्थान निधिवन और वृंदावन के श्री बांके बिहारी मंदिर में रहती है। बिहार पंचमी के पर्व को दिवाली की तरह बड़े ही जोरों-शोरों के साथ मनाया जाता है। 

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श्री बांके बिहारी मंदिर के सेवा अधिकारी राजू गोस्वामी जी, जो भक्त आॉफ बिहारी जी ग्रुप के प्रधान सदस्य हैं। वह इस ग्रुप के साथ सुबह 4  बजे निधिवन में पहुंचे। ठाकुर जी को पीतांबर धारी भी कहा जाता है क्योंकि उन्हें पीला रंग अत्यधिक प्रिय है।

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इसी बात को ध्यान में रखते हुए भक्त आॉफ बिहारी जी ग्रुप के सदस्य कपिल दूआ जी (लुधियाना में होजरी मिल चलाते हैं) ने पीले रंग के टी शर्ट सारे ग्रुप में वितरित किए। जोकि एक ड्रेस कोड के रूप में इस टी शर्ट को पहनकर बिहारी जी के जन्मोत्सव में शामिल हुए। सभी भक्तों ने निधिवन में दीप माला की, रंगोली बनाई, गुब्बारे लगाए और पम्फ्लेट्स लगाए।

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बड़े पैमाने पर पटाखे फोड़े गए और आतिशबाजी चलाकर अंधेरी रात में उजाला किया गया। भक्तों ने हरि नाम संकीर्तन का खूब आनंद लिया। 

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ब्रज की लोक किवदंती के अनुसार संवत 1600 में मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर जब बिहारी जी का प्राकट्य हुआ था। उस समय चारों और प्रकाश छा गया था। जब श्यामाश्याम प्रकट हुए तो उनके रूप माधुरी को देख कर स्वामी हरिदास विस्मय विमुग्ध हो गए थे।

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वे अपनी सुधबुध खो बैठे थे। स्वामी हरिदास जी को लगा उनके इष्ट का अपूर्व सौंदर्य का दर्शन लोकमानस से सहन नहीं होगा। उन्होंने दोनों को एक ही रूप में आ जाने की प्रार्थना की। राधा माधव उनकी गोद में विराजमान हो गए।

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स्वामी हरिदास ने दोनों को आलिंगन में बांधकर एक-दूसरे के समीप लाना शुरू किया और अंत में दोनों एक रूप में समाहित हो गए। वृन्दावन के बांके बिहारी मंदिर में आज ये स्वरुप विराजित है।

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भक्त आॉफ बिहारी जी ग्रुप निधिवन में उत्सव मानाने के उपरांत भक्त बिहारी जी के मंदिर में जाएंगे। वहां जाकर अपने लाडले को जन्मदिवस की बधाई देंगे और दीप दान करेंगे। 

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आज के दिन सुन्दर शोभा यात्रा का भी आयोजन होगा। जिसमें स्वामी श्री हरिदास जी महाराज चांदी के रथ पर सवार होकर भक्तों से मिलने जाएंगे। उनके साथ सारे भक्त सोहनी सेवा करते, नाचते-गाते, रंगोली बनाते और साथ ही साथ जयकारे लगाते हुए बांके बिहारी जी के मंदिर जाएंगे और उनको प्राकट्योत्सव की बधाई देंगे।

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