संयुक्त परिवार न रहने से वृद्धजनों की देखभाल नहीं हो पा रही

Edited By Prachi Sharma,Updated: 31 Jan, 2024 08:00 AM

bombay high court

बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक व्यक्ति को अपनी मां के घर को खाली करने का आदेश दिया, जिस पर उसने और उसकी पत्नी ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा था। अपने

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मुंबई (प.स.): बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक व्यक्ति को अपनी मां के घर को खाली करने का आदेश दिया, जिस पर उसने और उसकी पत्नी ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा था। अपने फैसले में अदालत ने टिप्पणी की कि संयुक्त परिवार प्रणाली के खत्म होने के कारण बुजुर्गों की उनके स्वजनों द्वारा देखभाल नहीं की जा रही है। 

 न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ ने कहा कि उम्र बढ़ना एक बड़ी सामाजिक चुनौती बन गई है और इसलिए वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल और सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

पीठ ने कहा, “संयुक्त परिवार प्रणाली के खत्म होने के कारण, बड़ी संख्या में बुजुर्गों की देखभाल उनके परिवार द्वारा नहीं की जा रही है। इसके परिणामस्वरूप, कई बुजुर्ग व्यक्ति, विशेष रूप से विधवा महिलाएं अब अपने जीवन के अंतिम वर्ष अकेले बिताने को मजबूर हैं और भावनात्मक उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं तथा भौतिक व वित्तीय सहायता की कमी से जूझ रहे हैं।”
 

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