Edited By Sarita Thapa,Updated: 24 Jun, 2025 06:00 AM

Devshayani Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में हर एक एकादशी को बहुत शुभ और खास माना जाता है। पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की तिथि को देवशयनी एकादशी मनाई जाती है। इसे हरिशयनी एकादशी या आषाढ़ी एकादशी भी कहा जाता है।
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Devshayani Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में हर एक एकादशी को बहुत शुभ और खास माना जाता है। पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की तिथि को देवशयनी एकादशी मनाई जाती है। इसे हरिशयनी एकादशी या आषाढ़ी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन से भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और चार माह तक क्षीर सागर में विश्राम करते हैं। इसी कारण इस दिन से चातुर्मास की शुरुआत हो जाती है। इस दौरान सभी शुभ और मांगलिक कार्यों में रोक कर जाते हैं। मान्यता है कि इस दिन श्री हरि की पूजा करने और व्रत रखने से मन की हर मुराद पूरी होती है और सभी पापों से छुटकारा मिलता है। तो आइए जानते हैं देवशयनी एकादशी के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में-
Devshayani Ekadashi 2025 Date And Shubh Muhurat देवशयनी एकादशी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 05 जुलाई को शाम 06 बजकर 58 मिनट पर होगी और इस एकादशी तिथि का समापन 06 जुलाई को शाम 09 बजकर 14 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, देवशयनी एकादशी का व्रत 06 जुलाई को रखा जाएगा।

Importance of Devshayani Ekadashi देवशयनी एकादशी का महत्व
हिंदू धर्म में देवशयनी एकादशी का व्रत अत्यंत पवित्र और पुण्यदायी माना गया है। यह व्रत भगवान विष्णु के शयन पर जाने के अवसर पर किया जाता है, जिससे चातुर्मास की शुरुआत होती है। इस दिन से भगवान विष्णु चार माह तक योग निद्रा में रहते हैं। देवशयनी एकादशी के दिन जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी की पूजा करता है, उसे विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही उसके समस्त पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
