Edited By Prachi Sharma,Updated: 24 Sep, 2025 06:56 AM

Durga Saptashati Path: नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा की उपासना के लिए सबसे पवित्र माने जाते हैं। यह समय शक्ति, भक्ति और साधना का प्रतीक है। देवी के विभिन्न रूपों की आराधना से साधक को आत्मिक बल, मानसिक शांति और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
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Durga Saptashati Path: नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा की उपासना के लिए सबसे पवित्र माने जाते हैं। यह समय शक्ति, भक्ति और साधना का प्रतीक है। देवी के विभिन्न रूपों की आराधना से साधक को आत्मिक बल, मानसिक शांति और जीवन में सफलता प्राप्त होती है। इन नौ दिनों में एक विशेष धार्मिक ग्रंथ का पाठ सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है दुर्गा सप्तशती। तो आइए जानें कि दुर्गा सप्तशती का पाठ नवरात्रि में क्यों किया जाता है, इसे करने की सही विधि क्या है, और इससे क्या चमत्कारी लाभ प्राप्त होते हैं।
दुर्गा सप्तशती क्या है ?
दुर्गा सप्तशती को चंडी पाठ भी कहा जाता है। यह ग्रंथ मार्कंडेय पुराण का हिस्सा है और इसमें कुल 700 श्लोक होते हैं, इसलिए इसे सप्तशती कहा गया है। इसमें देवी दुर्गा की महिमा, उनके युद्ध, विजय और भक्तों पर कृपा की कहानियां वर्णित हैं।
नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ क्यों जरूरी है ?
नवरात्रि का समय शक्ति साधना का होता है और दुर्गा सप्तशती शक्ति की उपासना का सबसे शक्तिशाली माध्यम है। इस पाठ के माध्यम से हम मां दुर्गा के नौ रूपों का आवाहन करते हैं और अपने जीवन से नकारात्मकता, भय, रोग, संकट, और दरिद्रता को दूर करने की शक्ति प्राप्त करते हैं। यह पाठ हमें यह सिखाता है कि जब जीवन में कोई कठिनाई आए, तो ईश्वर की शक्ति पर विश्वास और साधना से हर बाधा को पार किया जा सकता है।

दुर्गा सप्तशती पाठ के लाभ
आत्मिक और मानसिक शांति
देवी की कृपा से व्यक्ति का मन शांत होता है और आत्मबल बढ़ता है।
रोग-शोक और भय से मुक्ति
नियमित पाठ से जीवन के संकट, भय, रोग और बाधाएं दूर होती हैं।
सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि
देवी लक्ष्मी की कृपा से आर्थिक उन्नति और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है।
शत्रु बाधा निवारण
जिन लोगों को शत्रु या नजरदोष की समस्या हो, उनके लिए यह पाठ अत्यंत लाभकारी है।
