Edited By Niyati Bhandari,Updated: 09 Sep, 2021 08:18 AM

भाद्रपद की शुक्ल चतुर्थी को 10 दिवसीय गणेश उत्सव की शुरूआत होती है, जो अनंत चतुर्दशी तक चलती है। इस बार 10 सितम्बर से यह पर्व प्रारंभ हो रहा है और 19 सितम्बर अनंत चतुर्दशी तक चलेगा अर्थात
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Ganesh Chaturthi 2021 September: भाद्रपद की शुक्ल चतुर्थी को 10 दिवसीय गणेश उत्सव की शुरूआत होती है, जो अनंत चतुर्दशी तक चलती है। इस बार 10 सितम्बर से यह पर्व प्रारंभ हो रहा है और 19 सितम्बर अनंत चतुर्दशी तक चलेगा अर्थात इस बार गणपति 10 दिन तक भक्तों के घर में मेहमान बनकर रहेंगे। इस दौरान गणपति जी के खासकर अष्ट रूपों की पूजा होती है। इन अष्ट विनायकों में महोत्कट विनायक, मयूरेश्वर विनायक, गजानन विनायक, गजमुख विनायक, सिद्धि विनायक, बल्लालेश्वर विनायक, वरद विनायक आदि शामिल हैं। इनके अलावा चिंतामन गणपति, गिरजात्म गणपति, विघ्नेश्वर गणपति, महागणपति आदि कई रूप भी हैं। वैसे तो गणेश जी इन हर तरह के रूपों में अपने भक्तों की रक्षा करते हैं और कृपा बरसाते हैं लेकिन उनका सिद्धि विनायक स्वरूप सबसे मंगलकारी माना गया है।
सिद्धि विनायक : उक्त रूपों में सिद्धि विनायक को सबसे मंगलकारी माना गया है। सिद्धटेक नामक पर्वत पर इनका प्राकट्य होने के कारण इनको सिद्धि विनायक कहा जाता है। मात्र इनकी उपासना से हर संकट और बाधा से तुरन्त ही मुक्ति मिल जाती है। कहते हैं कि सृष्टि निर्माण के पूर्व सिद्धटेक पर्वत पर भगवान विष्णु ने इनकी उपासना की थी। इनकी उपासना के बाद ही ब्रह्माजी सृष्टि की रचना बिना विघ्न के कर पाए।
यही विघ्नहर्ता भी हैं। सिद्धि विनायक का स्वरूप चतुर्भुजी है। सिद्धि विनायक के ऊपर के हाथों में कमल एवं अंकुश और नीचे के एक हाथ में मोतियों की माला और एक हाथ में मोदक से भरा पात्र है।
सिद्धि विनायक की पूजा से हर तरह के विघ्न समाप्त होते हैं और हर तरह के कर्ज से मुक्ति मिलती है। इनकी आराधना से घर-परिवार में सुख, समृद्धि और शांति स्थापित होती है और संतान की प्राप्ति होती है।

सिद्धि विनायक के मंत्र :
‘ú सिद्धिविनायक नमो नम:।’
‘ú नमो सिद्धिविनायक सर्वकार्यकत्रयी सर्वविघ्नप्रशामण्य सर्वराज्यवश्याकारण्य सर्वज्ञानसर्व स्त्री पुरुषाकारषण्य।’
