Edited By Jyoti,Updated: 22 Nov, 2018 04:20 PM
इतना तो सभी जानते ही हैं कि हिंदू धर्म में पूजा-पाठ करना बहुत अावश्यक है। इसी के चलते हर घर में पूजा घर या मंदिर ज़रूर होता है। यहां घर-परिवार के सभी लोग पूरे विधि-विधान से देवी-देवता की आराधना करते हैं।
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इतना तो सभी जानते ही हैं कि हिंदू धर्म में पूजा-पाठ करना बहुत अावश्यक है। इसी के चलते हर घर में पूजा घर या मंदिर ज़रूर होता है। यहां घर-परिवार के सभी लोग पूरे विधि-विधान से देवी-देवता की आराधना करते हैं। ज्योतिष के अनुसार इस पूजा में कई तरह की सामग्री का उपयोग होता है जिसमें कुछ बर्तन भी शामिल हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पूजा में इस्तेमाल होने वाले वो कौन से बर्तन हैं जो शुभ नहीं अशुभ फल प्रदान करते हैं। अगर नहीं, तो घबराइए मत हम आपको बताएंगे आपके मंदिर में रखे उन बर्तनों के बारे में जिनका इस्तेमाल आपको भारी पड़ सकता है।
आपने देखा होगा कि बहुत से लोग अपने घर में अलग-अलग धातु के बने बर्तनों का मंदिर में उपयोग करते हैं। परंतु हमारे धर्म में ये बर्तन किस धातु के होने चाहिए और किस धातु के नहीं, इस संबंध में कई नियम बताए गए हैं। ऐसे में जब आप उन धातुओं को पूजा में इस्तेमाल करते हैं जिन्हें वर्जित माना गया है तो धर्म-कर्म का पूर्ण पुण्य फल प्राप्त नहीं हो पाता है।
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार अलग-अलग धातु अलग-अलग फल देती है। ऐसा नहीं है कि इसके पीछे सिर्फ धार्मिक कारण ही हैं बल्कि इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण भी इस तर्क को मानते हैं। बता दें, मंदिर में पूजा करने के लिए सोना, चांदी, पीतल और तांबे की बर्तनों का उपयोग शुभ माना गया है। वहीं दूसरी ओर पूजन में लोहा और एल्युमीनियम धातु से निर्मित बर्तन मना किए गए हैं।
धार्मिक क्रियाओं को करते समय लोहा, स्टील और एल्युमीनियम का उपयोग इसलिए वर्जित माना गया है क्योंकि पूजा के लिए यह धातु अपवित्र मानी जाती है। इतना ही नहीं इन धातुओं की मूर्तियां भी नहीं बनाई जाती। लोहे में हवा, पानी से जंग लग जाता है। एल्युमीनियम से भी कालिख निकलती है। पूजन में कई बार मूर्तियों को हाथों से स्नान कराया जाता है, उस समय इन मूर्तियों को रगड़ा भी जाता है। ऐसे में लोहे और एल्युमीनियम से निकलने वाली जंग और कालिख का हमारी त्वचा पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए लोहा, एल्युमीनियम को पूजा में निषेध माना गया है।
ध्यान रहे कि पूजा करने के लिए हमेशा मंदिर में सोने, चांदी, पीतल, तांबे के बर्तनों का ही उपयोग करें। इन धातुओं को रगड़ना हमारी त्वचा के लिए लाभदायक रहता है। इसके अलावा इन धातुओं को मंदिर में रखकर इनकी पूजा करना भी बहुत शुभ माना जाता है।
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