Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Nov, 2021 10:24 AM
किसी भी भवन में हवा, रोशनी व बाहर देखने के लिए खिड़कियों का होना बहुत जरूरी होता है। खिड़कियां किसी भी भवन की आंखें होती हैं। वास्तुशास्त्र में भवन में बनी खिड़कियों से होने वाले शुभ-अशुभ प्रभावों की जानकारियां मिलती हैं। आजकल
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How Windows Can Open and Lock Your Luck: किसी भी भवन में हवा, रोशनी व बाहर देखने के लिए खिड़कियों का होना बहुत जरूरी होता है। खिड़कियां किसी भी भवन की आंखें होती हैं। वास्तुशास्त्र में भवन में बनी खिड़कियों से होने वाले शुभ-अशुभ प्रभावों की जानकारियां मिलती हैं। आजकल लोग घर बनाते वक्त खिड़कियों का ध्यान नहीं रखते हैं और कहीं भी बना देते हैं। खिड़कियां किस दिशा में बनानी हैं यह महत्वपूर्ण होता है। खिड़कियां सही जगह न बनने के कारण परिवार के मुखिया की अपने बच्चों के साथ आपसी समझ की कमी रहती है, परेशानियां रहती हैं तथा उसके विवाद चलते हैं।
भवन बनाते समय पूर्व दिशा की ओर अधिक खिड़कियां बनानी चाहिए ताकि प्रातःकालीन सूर्य की जीवनदायी ऊर्जायुक्त किरणें घर के अंदर प्रवेश कर सकें। इन किरणों से कीटाणुओं का नाश होता है, घर का वातावरण शुद्ध एवं पवित्र होता है और परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
उत्तर दिशा धन के देवता कुबेर की है। इस दिशा में अधिक खिड़कियां होने से आर्थिक समृद्धि बढ़ती है।
पश्चिम व दक्षिण दिशा में क्रास वेंटिलेशन के लिए खिड़कियां बनानी चाहिए पर ध्यान रहे इन दिशाओं में पूर्व एवं उत्तर दिशाओं की तुलना में खिड़कियां कम रहें ताकि दोपहर बाद की सूर्य से निकलने वाली हानिकारक किरणें घर में प्रवेश न कर सकें।
खिड़कियां सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह में सहायक होती हैं, अतः यह पूर्ण रूप से बाहर या अंदर की ओर खुलनी चाहिए। किन्तु आजकल प्लॉट के आकार छोटे होने के कारण उन पर बनने वाले कमरे भी छोटे होते हैं। इसलिए पूरी तरह से खुलने वाली खिड़कियां लगाना व्यावहारिक रूप से सम्भव नहीं होता। अतः स्लाडिंग विण्डो अर्थात खिसकाने वाली खिड़कियां भी लगाई जा सकती हैं। महत्वपूर्ण यह है कि खिड़कियों को हमेशा साफ-सुथरी एवं अच्छी हालत में रखना चाहिए।
जिस घर के मुख्यद्वार के दोनों ओर की खिड़कियां सुंदर ढंग से बनी एवं सजी होती हैं, उस घर में रहने वाले फैशनेबल या ग्लैमर की दुनिया से जुडे़ रहते हैं।
यदि खिड़की में सीधी लम्बी लोहे या लकड़ी की छड़ लगी हुई हो तो इसे शुभ माना जाता है और क्रॉसबार लगी हुई हो तो कम मेहनत से अन्य स्रोतों से आय होती है। यदि इस तरह की पुरानी जाली उपयोग में लाई जाए तो जिंदगी बहुत कठिन होती है आदमी दाने-दाने को मोहताज होता है या फिर इतना ही कमा पाता है कि जिससे गुजारा हो सके।
भवन के मुख्यद्वार के दाये-बाये की खिड़कियां टूटी-फूटी और पुरानी हो तो परिवार के माता-पिता को स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन पर आरोप लगते रहते हैं और उन्हें विभिन्न प्रकार की परेशानियां आती हैं। बेटे-बेटियों की पढ़ाई-लिखाई पर भी इसका बुरा असर पड़ता है।
जिन घरों के मुख्यद्वार के आस-पास की खिड़कियां टूटी हुई होती हैं, वहां रहने वालों की आंखों में तकलीफ रहने की सम्भावना बहुत बढ़ जाती है।
यदि मुख्यद्वार के दाये हाथ पर कोई खिड़की न हो तो पुत्र संतान प्राप्ति में बहुत कठिनाई होती है। पुत्र संतान होने पर उसके जीवन में खतरनाक हादसा होने की सम्भावना बनी रहती है।
यदि मुख्यद्वार के बाये हाथ पर खिड़की न हो तो कन्या संतान को उपरोक्त समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
यदि खिड़कियां सुबह के समय बंद रखी जाए या खिड़कियां बहुत छोटी हो तो परिवार के बेटे-बेटियों को गंभीर हादसों का शिकार होना पड़ता है।
यदि टी जंक्शन पर सीधे हाथ की खिड़की हो तो उस घर के पुरुषों एवं पुरुष संतान के लिए कठिन समय होता है और उल्टे हाथ की खिड़की हो तो घर की महिला और कन्या संतान के लिए कठिन समय होता है। यह कष्ट निर्भर करता है उन खिड़कियों की संख्या पर। इसलिए टी जंक्शन पर कभी भी खिड़की नहीं लगानी चाहिए।
वास्तु गुरू कुलदीप सलूजा
thenebula2001@gmail.com
