Edited By Lata,Updated: 25 Dec, 2019 12:51 PM

इस बात से तो सब वाकिफ ही हैं कि 25 दिसंबर के दिन क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
इस बात से तो सब वाकिफ ही हैं कि 25 दिसंबर के दिन क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है। लेकिन इस बात को शायद बहुत कम लोग जानते होंगे कि इस दिन तुलसी पूजन दिवस भी मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इसे पूजनीय माना गया है और आयुर्वेद में तुलसी को अमृत कहा गया है, क्योंकि ये औषधि का काम भी करती है। बता दें कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है, वहां हमेशा सुख-शांति का वास होता है। शास्त्रों के अनुसार तुलसी के पत्ते के बिना भगवान श्री हरि भोग स्वीकार नहीं करते हैं।

पूजन विधि
सुबह अपने नैतिक कार्यों से निवृत होकर मां तुलसी की पूजा करनी चाहिए।
पहले कुमकुम से उनका टीका करना चाहिए और उसके बाद उनकी आरती करके जल चढ़ाना चाहिए। जल चढ़ाते वक्त आपको निम्नलिखित मंत्र पढ़ने चाहिए।
मंत्र
महाप्रसादजननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी।
आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
इसके बाद तुलसी की परिक्रमा करनी चाहिए, जोकि अपनी सुविधानुसार 7, 11, 21 या 111 परिक्रमा कर सकते हैं और उसके बाद मां तुलसी का ध्यान कीजिए।
भगवान को किसी भी वस्तु का भोग लगाने से पहले उसमें तुलसी के पत्ते डालकर प्रसाद वितरित करना चाहिए। तुलसी पूजा सुबह ही नहीं आप आज कभी भी कर सकते हैं।

तुलसी के नाम
वृंदा, वृंदावनी, विश्वपावनी, विश्वपूजिता, पुष्पसारा, नंदिनी, तुलसी और कृष्णजीवनी
कहते हैं कि जो व्यक्ति तुलसी की पूजा करके इस नामाष्टक का पाठ करता है, उसे अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है।
स्कंद पुराण के अनुसार जिस घर में तुलसी का बगीचा होता है अथवा प्रतिदिन पूजन होता है, उस गर में यमदूत प्रवेश नहीं करते। तुलसी की उपस्थिति मात्र से नकारात्मक शक्तियों एवं दुष्ट विचारों से रक्षा होती है।

गरुड पुराण के अनुसार तुलसी का वृक्ष लगाने, पालन करने, सींचने तथा ध्यान, स्पर्श और गुणगान करने से मनुष्यों के पूर्व जन्मार्जित पाप जलकर नष्ट हो जाते हैं। आज के दिन केवल तुलसी की पूजा ही नहीं होती है बल्कि एक अभियान के तहत घर-घर तुलसी का पौधा लगाया जाता है।