Edited By Prachi Sharma,Updated: 08 Feb, 2024 10:38 AM
चीन के दार्शनिक कन्फ्यूशियस की कीर्ति चारों ओर फैली थी। उनसे मिलने की इच्छा के लिए एक राजा उनके पास
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Inspirational Context: चीन के दार्शनिक कन्फ्यूशियस की कीर्ति चारों ओर फैली थी। उनसे मिलने की इच्छा के लिए एक राजा उनके पास पहुंचे।
राजा ने कन्फ्यूशियस से एक सवाल पूछा जो उन्हें बहुत दिनों से परेशान कर रहा था। सवाल था- क्या कोई ऐसा व्यक्ति भी है जो महान हो, लेकिन उसे कोई जानता न हो ?
सवाल सुनकर कन्फ्यूशियस मुस्कुराए और बोले, “हम बहुत से महान लोगों को नहीं जानते। दुनिया में वास्तव में कई ऐसे असाधारण लोग हैं, जो महान मनुष्यों से भी महान हैं।”
यह सुनकर राजा आश्चर्य से बोले, “ऐसा कैसे हो सकता है ?
कन्फ्यूशियस ने कहा- चलिए आपको ऐसे ही एक व्यक्ति से मिलवाते हैं।”
कन्फ्यूशियस राजा को लेकर एक गांव की ओर चल पड़े। काफी दूर चलने के बाद एक बूढ़ा नजर आया, जो एक पेड़ के नीचे घड़े में पानी भरकर बैठा था।
गर्मी में लगातार चलने से थक चुके इन दोनों लोगों ने बूढ़े से पानी मांगकर पिया। गर्मी से राहत मिली तो दोनों की जान में जान आई। राजा ने बूढ़े को देने के लिए पैसे निकाले तो उसने पैसे लेने से इंकार कर दिया।
बोला, “हे राजा। मैं कोई दुकानदार नहीं हूं। मैं तो लोगों की प्यास बुझाने की एक छोटी-सी कोशिश कर रहा हूं, जो मैं इस उम्र में कर सकता हूं।” मेरा पुत्र व्यवसायी है। घर में अकेले बैठकर भी क्या करना, इसलिए यहां घड़े में पानी लेकर बैठा हूं ताकि आने-जाने वालों को गर्मी, प्यास और थकान से राहत पहुंचा सकूं। इसमें मुझे असीम शांति मिलती है।
यह सुनकर कन्फ्यूशियस राजा से बोले, “आप समझ ही गए होंगे कि मैं क्या कहना चहाता हूं।”
राजा ने भी संतुष्ट होकर सिर हिलाया।
कन्फ्यूशियस बोले, “व्यक्ति की सोच उसे महान बनाती है। केवल बड़ी-बड़ी बातों से कोई महान नहीं बनता।”