Inspirational Context: यहां जानें, प्रशंसा करने वाले और निंदा करने वाले में क्या अंतर हैं

Edited By Prachi Sharma,Updated: 07 Mar, 2024 11:06 AM

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कश्मीर में लल्लेश्वरी नामक एक संत हुई हैं। उनका विवाह 12 वर्ष की अवस्था में हुआ था, परन्तु ससुराल में उनके प्रति दुर्व्यवहार होने से उन्होंने घर का त्याग

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कश्मीर में लल्लेश्वरी नामक एक संत हुई हैं। उनका विवाह 12 वर्ष की अवस्था में हुआ था, परन्तु ससुराल में उनके प्रति दुर्व्यवहार होने से उन्होंने घर का त्याग कर दिया और सेदवायु नामक एक संत से दीक्षा ले ली। भागवत भजन में वह इतनी लीन रहने लगीं कि लोक-लज्जा का भी उन्हें ख्याल न रहता। मीरा के समान मतवाली हो वह भजन करती हुई जब सड़क से गुजरतीं तो लोग उनका उपहास उड़ाते।

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एक बार वह भजन करती हुई मंदिर जा रही थीं कि बच्चे उनके पीछे पड़ गए और उन्हें चिढ़ाने लगे। इस पर एक वस्त्र-व्यापारी ने उन्हें डांटा और भगा दिया।

तब लल्लेश्वरी ने व्यापारी से एक कपड़ा मांगा और उसके दो बराबर-बराबर टुकड़े करने को कहा। व्यापारी द्वारा वैसा करने पर उन टुकड़ों को अपने दोनों कंधों पर डाल कर वह आगे बढ़ीं। रास्ते में जब कोई उनका अभिवादन करता या हंसी उड़ाता तो वह उन टुकड़ों में एक-एक गांठ बांधतीं।

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मंदिर से लौटने पर उन्होंने वे टुकड़े व्यापारी को वापस करते हुए उनका वजन करने को कहा। वजन करने पर उनका वजन बराबर-बराबर मिला। तब लल्लेश्वरी बोलीं,  “प्रशंसा या निंदा का हमें बिल्कुल ख्याल नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये दोनों एक-दूसरे को संतुलित करते रहते हैं। अत: हमें सबको सम्मान दृष्टि से देखना चाहिए और समान भाव से ग्रहण करना चाहिए।”

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