Edited By Prachi Sharma,Updated: 29 Jun, 2025 07:59 AM

Inspirational Story: प्रसिद्ध फ्रांसीसी दार्शनिक रेने देकार्त हर परिस्थिति में शांत रहते थे। यदि कोई उनकी आलोचना करता या उनसे दुर्व्यवहार करता तो भी वह मुस्कुरा कर अपने काम में लग जाते और ऐसे शांत रहते मानो कुछ हुआ ही न हो। एक बार देकार्त किसी...
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Inspirational Story: प्रसिद्ध फ्रांसीसी दार्शनिक रेने देकार्त हर परिस्थिति में शांत रहते थे। यदि कोई उनकी आलोचना करता या उनसे दुर्व्यवहार करता तो भी वह मुस्कुरा कर अपने काम में लग जाते और ऐसे शांत रहते मानो कुछ हुआ ही न हो। एक बार देकार्त किसी व्यक्ति से बात कर रहे थे। अचानक बातों के दौरान उस व्यक्ति को किसी बात पर गुस्सा आ गया और उसने देकार्त को भला-बुरा कहा लेकिन देकार्त उसके दुर्व्यवहार पर भी शांत रहे। जब उनके शिष्यों ने उस व्यक्ति को कुछ कहना चाहा तो देकार्त ने उन्हें भी शांत कर दिया।
जब वह व्यक्ति वहां से चला गया तो उनके एक शिष्य ने पूछा, ‘‘यह तो अच्छी बात नहीं है कि कोई आपके साथ बदतमीजी करे और आप चुप रहें।”

उनका दूसरा शिष्य बोला, ‘‘आपने खुद तो उन्हें कुछ नहीं कहा, यहां तक कि हमें भी कुछ नहीं कहने दिया। हमसे यह बर्दाश्त नहीं होता कि कोई हमारे सामने आपका अपमान करे और हम चुप रहें।”
शिष्यों की बात सुनकर देकार्त मुस्कुराते हुए बोले, ‘‘क्या तुमने मेरे साथ रहकर यही सीखा है कि यदि कोई तुम्हारे साथ दुर्व्यवहार करे तो तुम भी उसके साथ वैसा ही करो। ऐसा करके तुम कभी भी सदव्यवहार को नहीं अपना सकते।”

यह सुनकर एक शिष्य बोला, ‘‘जब कोई हमारे साथ खराब व्यवहार करे तो हमें क्या करना चाहिए ?”
इस पर देकार्त बोले, ‘नहीं, बल्कि तुम्हें अपनी आत्मा और चित को उस ऊंचाई पर ले जाना चाहिए, जहां कोई दुर्व्यवहार तुम्हें छू भी न सके। याद रखो, जीवन में कामयाबी तभी मिलती है जब व्यक्ति अपने व्यक्तित्व को इतना मजबूत बना लेता है कि नकारात्मक टिप्पणी या व्यवहार उसे प्रभावित न कर सके।
