Edited By Sarita Thapa,Updated: 15 Aug, 2025 07:00 AM

Inspirational Story: एक राजा वर्षों से पुत्र की प्राप्ति के लिए आशा लगाए बैठे, पर पुत्र नहीं हुआ। तांत्रिकों ने सुझाव दिया कि किसी बच्चे की बलि दे दी जाए तो रानी को पुत्र प्राप्ति हो जाएगी। राजा ने घोषणा करवाई कि जो अपना बच्चा देगा उसे बहुत सारा धन...
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Inspirational Story: एक राजा वर्षों से पुत्र की प्राप्ति के लिए आशा लगाए बैठे, पर पुत्र नहीं हुआ। तांत्रिकों ने सुझाव दिया कि किसी बच्चे की बलि दे दी जाए तो रानी को पुत्र प्राप्ति हो जाएगी। राजा ने घोषणा करवाई कि जो अपना बच्चा देगा उसे बहुत सारा धन दिया जाएगा। एक परिवार में कई बच्चे थे, गरीबी भी थी, एक ऐसा बच्चा भी था जो भगवान में आस्था रखता था तथा सत्संग में ज्यादा समय व्यतीत करता था। परिवार को लगा कि इसे राजा को दे दिया जाए क्योंकि यह कुछ काम तो करता नहीं है।

बच्चा राजा को दे दिया गया। तांत्रिकों द्वारा बच्चे की बलि की तैयारी की गई। राजा को भी बुलाया गया, बच्चे से पूछा गया कि तुम्हारी आखिरी इच्छा क्या है? बच्चे ने कहा ठीक है मेरे लिए रेत मंगा दी जाए। बच्चे ने रेत से चार ढेरियां बनाई, फिर एक-एक करके तीन ढेरियों को तोड़ दिया और चौथे के सामने हाथ जोड़कर बैठ गया और कहा कि अब जो करना है करें। यह देखकर तांत्रिक बोले कि यह तुमने क्या किया है?

राजा ने भी पूछा तो बच्चे ने कहा कि पहली ढेरी मेरे माता-पिता की थी, मेरी रक्षा करना उनका कर्त्तव्य था पर उन्होंने पैसे के लिए मुझे बेच दिया, इसलिए मैंने यह ढेरी तोड़ी। दूसरी मेरे सगे-सम्बन्धियों की थी, उन्होंने भी मेरे माता-पिता को नहीं समझाया, इसलिए वह ढेरी भी तोड़ दी। तीसरी ढेरी राजा की थी, प्रजा की रक्षा करना राजा का काम होता है पर राजा ही मेरी बलि देना चाह रहा है तो यह ढेरी भी मैंने तोड़ दी।
अब सिर्फ ईश्वर पर मुझे भरोसा है इसलिए यह एक ढेरी मैंने छोड़ दी है। राजा ने सोचा कि पता नहीं बच्चे की बलि के बाद भी पुत्र प्राप्त हो या न हो क्यों न इसी बच्चे को ही अपना पुत्र बना लें। अंतत: राजा ने बच्चे को अपना बेटा बनाकर राजकुमार घोषित कर दिया।
