Edited By Prachi Sharma,Updated: 07 Dec, 2025 12:43 PM

Inspirational Story: एक प्रजा पालक बादशाह की पुत्री अत्यंत सुंदर और शिक्षित थी। कई राजाओं ने उससे विवाह की इच्छा जताई थी, पर बादशाह ने उन सबका प्रस्ताव यह कहकर ठुकरा दिया, ‘‘मुझे पुत्री के लिए राजा नहीं, कोई त्यागी पुरुष चाहिए।’’
Inspirational Story: एक प्रजा पालक बादशाह की पुत्री अत्यंत सुंदर और शिक्षित थी। कई राजाओं ने उससे विवाह की इच्छा जताई थी, पर बादशाह ने उन सबका प्रस्ताव यह कहकर ठुकरा दिया, ‘‘मुझे पुत्री के लिए राजा नहीं, कोई त्यागी पुरुष चाहिए।’’
संयोग से कुछ समय बाद ही बादशाह को एक युवा फकीर मिला। बादशाह उससे बहुत प्रभावित हुआ और उसने उससे पूछा कि क्या वह शादी करना चाहता है? फकीर ने हंसकर उत्तर दिया, ‘‘करना तो चाहता हूं पर मुझ फकीर से कौन अपनी लड़की की शादी करेगा ?’’
बादशाह बोला, ‘‘मैं आपको अपना दामाद बनाऊंगा।’’ फकीर सहमत हो गया। बड़ी सादगी के साथ बादशाह ने अपनी पुत्री का विवाह उस फकीर के साथ कर दिया। शादी करके फकीर बादशाह की पुत्री को अपनी झोंपड़ी में ले आया।
फिर उसने पूछा, ‘‘तुम मेरे साथ इस कुटिया में कैसे रहोगी?’’ लड़की ने कहा, ‘‘मेरी खुद की मर्जी थी सादा जीवन बिताने की। लेकिन आपकी झोंपड़ी में रोटियों का ढेर देखकर मन में दुख हो रहा है। इतनी रोटियां किसलिए? क्या ईश्वर पर भरोसा नहीं है ?’’
फकीर ने उत्तर दिया, ‘‘सोचा कुछ रोटियां बचाकर रख लूं। भविष्य में काम आएंगी।’’ लड़की बोली, ‘‘अगर आप संग्रह की आदत छोड़ दें तो मैं आपकी झोंपड़ी को भी महल समझ कर रह लूंगी।’’ फकीर ने संग्रह न करने का निश्चय किया और दोनों सादगी भरा जीवन बिताने लगे।
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