Janmashtami: जन्माष्टमी की पूजा खीरे के बिना मानी जाती है अधूरी, जानें किसे खाना चाहिए ये प्रसाद

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 06 Sep, 2023 10:33 AM

janmashtami

कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल  2023 में जन्माष्टमी का पर्व 2 दिन यानी 6 और 7 को मनाया जाएगा। जन्माष्टमी पर भगवान

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Janmashtami 2023: कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल  2023 में जन्माष्टमी का पर्व 2 दिन यानी 6 और 7 को मनाया जाएगा। जन्माष्टमी पर भगवान विष्णु ने कंस के अत्याचारों से धरतीवासियों को मुक्ति दिलाने के लिए श्री कृष्ण के रूप में आठवां अवतार लिया था। हर साल इस दिन को श्रीकृष्ण की जन्मभूमी मथुरा में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। श्री कृष्ण का जन्म रात को हुआ था इसलिए बाल गोपाल की पूजा अधिकतर स्थानों पर रात को होती है। कृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा के समय खीरे का उपयोग होता है। खीरे के बिना कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व अधूरा माना जाता है। आइए जानते हैं, कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा में खीरे का इस्तेमाल क्यों किया जाता है और क्या है इसका महत्व-

PunjabKesari Janmashtami
 
Importance of using cucumber in Krishna Janmashtami Puja कृष्ण जन्माष्टमी पूजा में खीरे के उपयोग का महत्व
कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा में लोग खीरे का उपयोग जरूर करते हैं। इस दिन खीरे को काटकर उसके तने से अलग कर लिया जाता है। इसे कान्हा जी के माता देवकी से अलग होने का प्रतीक भी माना जाता है। श्री कृष्ण के लिए ऐसा खीरा लाया जाता है, जिसमें थोड़ी डंठल और पतियां लगी होती हैं। माना जाता है कि ऐसा खीरा लाने से लड्डू गोपाल खुश होते हैं और भक्तों के सारे दुख-दर्द हर लेते हैं।  

Janmashtami worship is incomplete without cucumber खीरे के बिना अधूरी होती है जन्माष्टमी की पूजा
कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा में खीरे का बहुत महत्व है। पूजा के समय खीरे के इस्तेमाल के पीछे यह माना जाता है कि जब कोई बच्चा पैदा होता है तो उस बच्चे को मां से अलग करने के लिए गर्भनाल काट दिया जाता है। उसी प्रकार जन्माष्टमी पर खीरे को डंठल के साथ काटकर अलग कर लिया जाता है। यह श्री कृष्ण का माता देवकी से अलग होने का प्रतीक माना जाता है। ऐसा करने के बाद पूरे विधि-विधान के साथ श्री कृष्ण की पूजा की जाती है।

PunjabKesari Janmashtami

How to do janmashtami umbilical piercing जन्माष्टमी नाल छेदन कैसे करें  
खीरा काटने की प्रक्रिया को नाल छेदन के नाम से भी जाना जाता है। जन्माष्टमी वाले दिन पूजा करते समय खीरे को कृष्ण जी  के समक्ष रख दें। जैसे ही रात के 12 बजे यानी कृष्ण के जन्म के बाद एक सिक्के की मदद से खीरे और डंठल को बीच से काटकर अलग कर दें।

PunjabKesari Janmashtami

What to do with cucumber after puja पूजा हो जाने के बाद खीरे का क्या करें  
बहुत से लोग लड्डू गोपाल की पूजा में उपयोग हुए खीरे को प्रसाद के रूप में बांट देते हैं। वहीं कुछ स्थान पर यह खीरा नवविवाहित या गर्भवती महिलाओं को खाने के लिए दिया जाता है। माना जाता है कि नवविवाहिता या गर्भवती महिला को यह खीरा खिलाने से श्रीकृष्ण जैसे पुत्र का जन्म होता है।

PunjabKesari Janmashtami

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!