Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Sep, 2023 11:06 AM
सनातन धर्म में संक्रांति के दिन को बहुत ही विशेष माना जाता है। इस दिन ग्रहों के राजा सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करते हैं। आज 17 सितंबर को कन्या संक्रांति मनाई जाएगी
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Kanya Sankranti: सनातन धर्म में संक्रांति के दिन को बहुत ही विशेष माना जाता है। इस दिन ग्रहों के राजा सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करते हैं। आज 17 सितंबर को कन्या संक्रांति मनाई जाएगी क्योंकि सूर्य देव कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। वैसे तो हर संक्रांति खास होती है लेकिन आज का दिन बेहद विशेष है क्योंकि 40 साल के बाद बहुत से योगों का निर्माण हो रहा है। इस समय में किए गए उपाय कभी भी विफल नहीं जाते और मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। इसी के साथ संक्रांति के दिन कुछ खास काम और स्नान-दान करने से जल्दी ही जीवन में चल रही मुश्किलों का समाधान मिलता है। तो चलिए जानते हैं ऐसे कौन से काम हैं, जिन्हें आज के दिन करना चाहिए।
Kanya Sankranti Muhurta कन्या संक्रांति शुभ मुहूर्त
सूर्य का कन्या राशि में प्रवेश - दोपहर 1 बजकर 43 मिनट
कन्या संक्रांति स्नान-दान समय- सुबह 4 बजकर 33 मिनट से सुबह 5 बजकर 20 मिनट तक
कन्या संक्रांति पुण्य काल- दोपहर 01 बजकर 43 मिनट से शाम 06 बजकर 24 मिनट तक
Do these measures today आज करें ये उपाय
Pitra Tarpan पितृ तर्पण: कन्या संक्रांति के दिन पूर्वजों का तर्पण करना शुभ माना जाता है। जो व्यक्ति ऐसा करता है, उसे जीवन में कभी भी दुःख नहीं झेलना पड़ता और पितरों के आशीर्वाद से घर में हमेशा खुशहाली बनी रहती है। अगर नौकरी-व्यापार में परेशानी झेलनी पड़ रही है तो इस उपाय को करने के बाद वो भी दूर हो जाती है।
Offer water to the surya dev सूर्य देव को दें अर्घ्य
कन्या संक्रांति यानी आज तांबे के लोटे में जल, सिंदूर, अक्षत, और लाल पुष्प डालकर सूर्य देव को अर्पित करें। इस उपाय को करने से सूर्य देव अति प्रसन्न होते हैं और समाज में मान-प्रतिष्ठा की भी प्राप्ति होती है।
Vishwakarma Puja विश्वकर्मा पूजा: शास्त्रों के मुताबिक ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी तो भगवान विश्वकर्मा ने इसे सुंदर बनाने का काम किया था। इस वजह से इन्हें इंजीनियर का दर्जा दिया जाता है। ऐसे में अगर आज इनकी पूजा कर ली जाए तो व्यापार और नौकरी में कभी भी मंदी का सामना नहीं करना पड़ता।
Charity दान-पुण्य: दान करने का कोई समय नहीं होता लेकिन अगर शुभ दिन पर दान करें तो वो सोने पर सुहागे का काम करता है। इसका मतलब संक्रांति के दिन दान-पुण्य करने से दोगुना फल प्राप्त होता है। जितना हो सके अपनी क्षमता अनुसार दान करें।