Karwa chauth vrat katha: श्री कृष्ण के कहने पर द्रौपदी ने भी किया था करवा चौथ व्रत, पढ़ें कथा

Edited By Updated: 07 Oct, 2025 07:19 AM

karwa chauth vrat katha

Karwa Chauth Vrat Katha 2025: करवा चौथ हिन्दू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और स्वास्थ्य की कामना के लिए रखती हैं। यह व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है। करवा चौथ का पर्व...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Karwa Chauth Vrat Katha 2025: करवा चौथ हिन्दू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और स्वास्थ्य की कामना के लिए रखती हैं। यह व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है। करवा चौथ का पर्व पति-पत्नी के प्रेम और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। करवा चौथ कथा हमें यह सिखाती है कि सच्चा प्रेम, भक्ति और संयम किसी भी विपत्ति को पार कर सकता है। जो महिलाएं इस व्रत को मन और हृदय से करती हैं, उनके पति लंबी उम्र पाते हैं और वैवाहिक जीवन सुखी और समृद्ध बनता है।

PunjabKesari Karwa chauth vrat katha

करवा चौथ कथा Karwa Chauth 2023 Vrat Katha: महाभारत काल में जब एक समय पांडव अर्जुन नीलगिरि पर्वत पर तप करने चले गए और काफी समय तक नहीं लौटे तो द्रौपदी चिंता में डूब गई। उसने भगवान श्री कृष्ण को याद किया तो उन्होंने तुरंत दर्शन देकर उसकी चिंता का कारण पूछा।

PunjabKesari Karwa chauth vrat katha

द्रौपदी ने कहा कि हमारे सब कष्ट दूर हों तथा पति अर्जुन की दीर्घायु हो। श्री कृष्ण ने कहा कि पार्वती ने भी शंकर जी से एक समय यही प्रश्न किया था तो शंकर जी ने उन्हें जो कथा सुनाई थी वही सुनो :

PunjabKesari karwachauth

कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि करक चतुर्थी (करवा चौथ) को निर्जल व्रत करके यह कथा सुनी जाती है। किसी समय स्वर्ग से भी सुंदर शुक्र प्रस्थ नाम के नगर (जिसे अब दिल्ली कहा जाता है) में वेद शर्मा नामक एक विद्वान ब्राह्मण रहता था। उसके सात पुत्र और संपूर्ण लक्षणों से युक्त वीर वति नाम की एक सुंदर कन्या थी जिसका विवाह सुदर्शन नाम के एक ब्राह्मण से किया गया। वीरवति के सभी सातों भाई विवाहित थे।

PunjabKesari Karwa chauth vrat katha
जिस दिन करवा चौथ का व्रत आया तो वीर वति ने भी अपनी भौजाइयों के साथ व्रत किया। दोपहर बाद श्रद्धा भाव से कथा सुनी और फिर अर्घ्य देने के लिए चंद्रमा देखने की प्रतीक्षा करने लगी मगर इस बीच दिन भर की भूख-प्यास से वह व्याकुल हो उठी तो उसकी प्यारी भौजाइयों ने यह बात अपने पतियों से कही। भाई भी बहन की पीड़ा से द्रवित हो उठे और उन्होंने जंगल में एक वृक्ष के ऊपर आग जला कर आगे कपड़ा तान कर नकली चंद्रमा-सा दृश्य बना डाला और घर आकर बहन से कहा कि चंद्रमा निकल आया है तो बहन ने नकली चंद्रमा को अर्घ्य देकर भोजन कर लिया मगर उसका व्रत नकली चंद्रमा को अर्घ्य देने से खंडित हो गया और जब वह ससुराल लौटी तो पति को गंभीर बीमार तथा बेहोश पाया और वह उसे उसी अवस्था में साल भर लिए बैठी रही।

अगले वर्ष जब इंद्रलोक से इंद्र पत्नी इंद्राणी पृथ्वी पर करवा चौथ का व्रत करने आई और वीर वति से इस दुख का कारण पूछा तो इंद्राणी ने कहा कि गत वर्ष तुम्हारा व्रत खंडित हो गया था। इस बार तू इसे पूर्ण विधि से व्रत कर, तेरा पति ठीक हो जाएगा। वीर वति ने पूर्ण विधि से व्रत किया तो उसका पति फिर से ठीक हो गया।

श्री कृष्ण ने कहा कि द्रौपदी तुम भी इस व्रत को विधि से करो सब ठीक हो जाएगा। द्रौपदी ने ऐसा ही किया। अर्जुन ठीक से घर लौट आए। सब ठीक हुआ राज्य वापस मिला।

PunjabKesari Karwa chauth vrat katha

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!