Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 May, 2022 03:23 PM
आज वैशाख माह की पूर्णिमा पर कूर्म जयंती का पर्व मनाया जाएगा। भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से ''कूर्म'' अर्थात कछुआ भगवान विष्णु का दूसरा अवतार है। पद्म पुराण में कहा गया है कच्छप अवतरण में भगवान विष्णु ने
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Kurma Jayanti 2022: आज वैशाख माह की पूर्णिमा पर कूर्म जयंती का पर्व मनाया जाएगा। भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से 'कूर्म' अर्थात कछुआ भगवान विष्णु का दूसरा अवतार है। पद्म पुराण में कहा गया है कच्छप अवतरण में भगवान विष्णु ने समुद्र मंथन के समय मंद्रांचल पर्वत को अपने कवच पर थामा था। सनातन शास्त्रों के अनुसार कच्छप अवतार की पीठ का घेरा एक लाख योजन है। भगवान कूर्म यानी कच्छप अवतार की पीठ पर मंदराचल पर्वत और शेषनाग की सहायता से देवों एवं दैत्यों ने समुद्र मंथन करके 14 रत्नों को प्राप्त किया था। अत: आज के शुभ दिन पर इनकी पूजा-अर्चना की जाती है। जिससे व्यक्ति की हर इच्छा पूरी होती है। आप भी हर प्रकार की सुख-समृद्धि चाहते हैं तो घर लाएं भगवान विष्णु का ये रूप-
कछुए का प्रतीक एक प्रभावशाली यंत्र है, जिससे न केवल जीवन में खुशहाली आती है बल्कि वास्तु दोषों का भी नाश होता है।
कामयाबी और धन-दौलत के चाहवान कूर्म को ऑफिस या घर की उत्तर दिशा में रखें लेकिन इसका सर्वोत्तम स्थान ड्राइंग रूम है।
जिस घर में कछुए की मूर्ति होती है, वहां हवा एवं जल के सभी दोष समाप्त हो जाते हैं। नकारात्मक ऊर्जा घर के आसपास भी नहीं फटक पाती।
इसे घर की पूर्व दिशा में भी रखने से बांझपन के दोष से मुक्ति मिलती है।
पढ़ने वाले विद्यार्थी अपने कमरे में मिट्टी का कछुआ स्थापित करें।
जिन लोगों को रात को नींद नहीं आती या मेंटल स्ट्रेस रहता है, वे अपने बेडरूम में धातु से बना हुआ कछुआ स्थापित करें।
किचन में कछुआ रखने से भोजन के हर तरह के रोगाणु खत्म होते हैं और अन्नपूर्णा माता की कृपा बनी रहती है।
पूजन मंत्र: भगवान कूर्म की पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करें ॐ आं ह्रीं क्रों कूर्मासनाय नम:
आज करें ये महाउपाय- फिजिकली स्ट्रांग बनने के लिए भगवान कूर्म को बादाम का भोग लगाएं, हर रोज इसका सेवन करें।