Maa Chandraghanta: मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्टों से मुक्ति के लिए करें माता चंद्रघंटा की पूजा और पढ़ें कथा

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 11 Apr, 2024 11:15 AM

आज यानि 11 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन है और इस दिन मां चंद्रघंटा का पूजन किया जाता है। माता चंद्रघंटा को कल्याणकारी

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Maa Chandraghanta: आज यानि 11 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन है और इस दिन मां चंद्रघंटा का पूजन किया जाता है। माता चंद्रघंटा को कल्याणकारी और शांतिदायक रूप मानते हैं। माता के मस्तक पर घंटे के आकार का आधा चंद्रमा चिन्हित है। यही कारण है कि मां को चंद्रघंटा कहते हैं। मां चंद्रघंटा की पूजा करने से न केवल रोगों से मुक्ति मिल सकती है बल्कि मां प्रसन्न होकर सभी कष्टों को हर लेती हैं। ऐसे में यदि आप तीसरे नवरात्रि व्रत रख रहे हैं तो मां चंद्रघंटा की पूजा विधि और कथा के बारे में जरूर जान लें। तो आईए जानते हैं-

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Maa Chandraghanta  story आईए सबसे सुनते हैं मां चंद्रघंटा की व्रत कथा
माता चंद्रघंटा की प्रचलित कथा के मुताबिक, माता दुर्गा ने मां चंद्रघंटा का अवतार तब लिया था जब दैत्यों का आतंक बढ़ने लगा था। उस समय महिषासुर का भयंकर युद्ध देवताओं से चल रहा था। महिषासुर देवराज इंद्र का सिंहासन प्राप्त करना चाहता था। वह स्वर्ग लोक पर राज करने की इच्छा पूरी करने के लिए यह युद्ध कर रहा था। जब देवताओं को उसकी इस इच्छा का पता चला तो वे परेशान हो गए और भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश के सामने पहुंचे। ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने देवताओं की बात सुन क्रोध प्रकट किया और क्रोध आने पर उन तीनों के मुख से ऊर्जा निकली। उस ऊर्जा से एक देवी अवतरित हुई। उस देवी को भगवान शंकर ने अपना त्रिशूल, भगवान विष्णु ने अपना चक्र, इंद्र ने अपना घंटा, सूर्य ने अपना तेज और तलवार और सिंह प्रदान किया। इसके बाद मां चंद्रघंटा ने महिषासुर का वध कर देवताओं की रक्षा की।

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Maa Chandraghanta Puja: आगे जानते हैं मां की दूसरी नवरात्रि पर मां चंद्रघंटा का पूजन कैसे करें
तीसरे नवरात्र के दिन जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। स्नान के पश्चात साफ वस्त्र धारण करें। घर में मौजूद मां की प्रतिमा में मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप स्मरण करें। मां चंद्रघंटा पूजा शुरू करने से पहले माता को केसर और केवड़ा जल से स्नान कराना जरूरी है। उसके बाद सुनहरे रंग के वस्त्र पहना कर कमल और पीले गुलाब के फूल अर्पण करें। साथ ही माला भी चढ़ाएं। आप पंचामृत, मिश्री और मिठाई आदि से भोग लगाकर उनके मंत्रों का जाप करें।

मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्टों से मुक्ति पाने के लिए माता चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाईयों का भोग लगाना चाहिए।

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