Makar Sankranti: मकर संक्रांति के बाद तीन ग्रह बरसाएंगे पूरी कृपा

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Jan, 2024 07:49 AM

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इस बार की मकर संक्रांति बेहद खास थी। मकर संक्रांति से ग्रहों के बहुत ही शुभ योग बने हैं। इस दिन ग्रहों के राजा सूर्य देव न्याय के देवता शनि की मकर राशि में गोचर कर गए हैं। मकर राशि कुंडली के दशम भाव में होती है और

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Makar Sankranti 2024: इस बार की मकर संक्रांति बेहद खास थी। मकर संक्रांति से ग्रहों के बहुत ही शुभ योग बने हैं। इस दिन ग्रहों के राजा सूर्य देव न्याय के देवता शनि की मकर राशि में गोचर कर गए हैं। मकर राशि कुंडली के दशम भाव में होती है और दशम भाव पिता और राज दरबार स्थान होता है और जब सूर्य इस राशि में गोचर करेंगे तो तरक्की के रास्ते खोलते चले जाएंगे। इस बार मकर संक्रांति पर पांच बेहद शुभ योग बने हैं। एक साथ पांच योगों का बनना इस बार की मकर संक्रांति को बहुत ही खास बनाकर गया है। इस दिन वारियान योग बना था, इसे ज्योतिष में बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके साथ ही खरमास भी समाप्त हो गया है और शुभ कार्यों की शुरुआत भी हो गई है। मकर संक्रांति पर रवि योग भी बना था। इस योग को भी बहुत शुभ माना जाता है। मकर संक्रांति पर ही बव और बालव करण का निर्माण भी हुआ। ज्योतिष में यह दो योग बहुत शुभ होते हैं और उन में बहुत से शुभ कार्यों को अंजाम दिया जाता है।

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जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है और इस दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं। ज्योतिष शास्त्रों में उत्तरायण की अवधि को देवताओं का दिन और दक्षिणायन की अवधि को देवताओं की रात कहा जाता है। आप यूं भी कह सकते हैं कि देवताओं के दिन की अवधि को सूर्य उत्तरायण में आते हैं। इस दिन सबसे शुभ योग रवि योग बना था और यह रवि योग तब बनता है, जब चंद्रमा का नक्षत्र सूर्य के नक्षत्र से चौथे, छठे, नौंवे, दसवें, तेहरवें या 20वें में होता है। रवि योग कुंडली के सभी योगों को नष्ट कर देता है और इस योग में किए गए सभी कार्य शुभ फल देते हैं और इस योग में सूर्य पूजा करने से सभी कष्ट भी दूर होते हैं। माघ महीने में सूर्य देव से जुड़ी वस्तुएं गुड़, लाल वस्त्र, घी, तांबा आदि का दान करेंगे तो पूरा साल सूर्य देव की कृपा बरसती रहती है।

18वीं शताब्दी में मकर संक्रांति 12 और 13 जनवरी को मनाई जाती थी और 1664 में मकर संक्रांति पहली बार 15 जनवरी को मनाई गई थी। इसके बाद हर तीसरे साल अधिक मास होने के कारण हर दूसरे व तीसरे साल 14 जनवरी को तथा चौथे साल 15 जनवरी को संक्रांति होने लगी जिस वजह से लोगों को काफी असमंजस और कन्फ्यूजन भी होती रही है।

मकर संक्रांति पर इस बार रवि योग जैसा महत्वपूर्ण योग तो रहा लेकिन साथ ही ग्रहों के सेनापति मंगल और ग्रहों के राजकुमार बुध धनु राशि में विराजमान हो गए। ज्योतिष में इनकी युति भी बेहद शुभ मानी जाती है। मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बनाने और खाने का भी विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता भी है की खिचड़ी में बनाए जाने वाले पदार्थों का संबंध नवग्रहों से भी होता है इसलिए इस दिन खिचड़ी के सेवन से आरोग्य का वरदान मिलता है। खिचड़ी में चावल का इस्तेमाल चंद्रमा और शुक्र की शुभता को दर्शाता है। देसी घी का संबंध सूर्य से है। खिचड़ी में इस्तेमाल होने वाली चुटकी भर हल्दी देवगुरु बृहस्पति का प्रतिनिधित्व करती है। जबकि खिचड़ी में डाली जाने वाली काली दाल शनि, राहु और केतु के अशुभ प्रभाव को कम करती है। जबकि खिचड़ी में डाले जाने वाली मूंग की दाल का संबंध बुध ग्रह से है और खिचड़ी के साथ खाए जाने वाले गुड़ का संबंध मंगल और सूर्य से जोड़ा जाता है। मकर संक्रांति पर काले तिल और गुड़ से बनी चीजों का भी दान विशेष रूप से किया जाता है ताकि शनिदेव और सूर्य देव का आशीर्वाद एक साथ मिलता रहे क्योंकि काले तिल को शनि से भी जोड़कर देखा जाता है।

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मकर संक्रांति पर इस बार तीन ग्रह देव गुरु बृहस्पति, शनि और सूर्य विशेष रूप से मेहरबान रहे और किन राशियों पर उनकी जमकर कृपा बरसी जानें,

पहली राशि मेष राशि है। वर्तमान समय में गुरु मेष राशि में विराजमान हैं। अतः मेष राशि के जातकों पर विशेष कृपा बरस रही है। वहीं, सूर्य के राशि परिवर्तन से मेष राशि को विशेष लाभ होगा। इस राशि के जातकों को नौकरी मिल सकती है। इसके अलावा, प्रमोशन के भी योग हैं। कारोबार में भी तेजी देखने को मिलेगी।

दूसरी राशि देवगुरु बृहस्पति की धनु राशि है। सूर्य के मकर राशि में गोचर करने से खरमास समाप्त हो गया है। हालांकि, धनु राशि से सूर्य देव के निकलने के बावजूद इस राशि के जातकों को लाभ प्राप्त हो सकता है। इस राशि के जातकों को धन लाभ के योग हैं। निवेश से भी बंपर मुनाफा हो सकता है। इस समय में निवेश करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

तीसरी राशि मीन राशि है और यह भी देवगुरु बृहस्पति की राशि है। मकर संक्रांति तिथि से मीन राशि के जातकों का भी भाग्योदय हो सकता है। आपकी आय में वृद्धि होगी। आय के नए स्तोत्र बनेंगे। रुका हुआ बिजनेस अचानक से चलने लगेगा। कुल मिलाकर 13 फरवरी तक मीन राशि के जातकों का समय शुभ रहने वाला है। सूर्य देव की पूजा-उपासना अवश्य करें।

गुरमीत बेदी
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