Edited By Jyoti,Updated: 13 Jan, 2022 07:47 PM
आज यानि 13 जनवरी को देश भर के विभिन्न हिस्सों में लोहड़ी की धूम देखने को मिलेगी। तो वहीं इसके ठीक अगले दिन यानि 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। मत भिन्नता के चलते
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आज यानि 13 जनवरी को देश भर के विभिन्न हिस्सों में लोहड़ी की धूम देखने को मिलेगी। तो वहीं इसके ठीक अगले दिन यानि 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। मत भिन्नता के चलते कुछ जगहों पर यह त्यौहार 15 जनवरी को भी मनाया जाएगा। धार्मिक शास्त्रों में इस दिन का अधिक महत्व है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव उत्तरायण होते अर्थात उत्तरी गोलार्ध में आते हैं। तो वहीं ये भी कहा जाता है कि इस दिन से देवलोक यानि स्वर्ग के दिन का आरंभ होता है। इस दिन स्वर्ग के दरवाजे खुल जाते हैं। भगवान श्री कृष्ण ने गीता में भी कहा है कि उत्तरायण और शुक्ल पक्ष में जो लोह देह त्याग करते हैं उन्हें फिर देह धारण करके मृत्यु लोक में नहीं आना होता है यानि उन्हें मुक्ति मिलती है।
इसके अलावा इस दिन स्नान दान का समय और महत्व क्या है आइए जानते हैं यहां-
धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि सूर्य के उत्तरायण होने के दिन यानि मकर संक्रांति के दिन दान और सूर्य देव, नवग्रह और देवी-देवताओं की पूजा करने से अन्य दिनों में किए गए दान-धर्म से अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसी कथाएं प्रचलित हैं कि भगवान सूर्य ने शनि देव को वरदान दिया था कि साल में एक बार जब वह शनि देव की राशि मकर में आएंगे तो शनि के घर को संपन्न बनाएंगे।
शनि देव ने अपने घर यानि मकर राशि में आने पर सूर्य देव की तिल, गुड़ से पूजा की थी। इस समय से परंपरा चली आ रही है कि मकर संक्रांति के दिन शनिदेव की और सूर्य देव की प्रसन्नता के दिन जरूरतमंदों को ऊनी वस्र, रूई, कंबल, जूते, अन्न, तिल और गुड़ का दान करना चाहिए।
स्नान का समय
मकर संक्रांति यानि सूर्य का मकर राशि में प्रवेश इस वर्ष दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर होने जा रहा है। शास्त्रीय मत के अनुसर इस वर्ष मकर संक्रांति पर स्नान के पुण्य काल का आरंभ सुबह 8 बजकर 05 मिनट पर होगा और शाम में सूर्यास्त से पूर्व तक रहेगा। ऐसे इसलिए हो रहा है क्योंकि सुबह 8 बजकर 5 मिनट से निरयण उत्तरायण आरंभ हो जाएगा। वैसे शास्त्रों में बताया गया है कि सूर्य के मकर राशि या किसी भी अन्य राशि में प्रवेश से 6 घंटे पूर्व और 6 घंटे बाद तक संक्रांति का पुण्य काल रहता है।
दान का समय
मकर संक्रांति के दिन स्नान के उपरांत सूर्य सहित नवग्रहों की पूजा और भगवान विष्णु की पूजा के बाद दान आरंभ करना चाहिए। आपकी जो भी श्रद्धा हो उसके अनुसार आप वस्त्र, अन्न और धन का दान कर सकते हैं। मकर संक्रांति के दिन तिल और खिचड़ी का दान बहुत ही शुभ माना गया है। दान का समय सुबह 8 बजकर 5 मिनट से सूर्यास्त पूर्व तक रहेगा।