Edited By Prachi Sharma,Updated: 15 Nov, 2025 11:07 AM

Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष माह हिन्दू धर्म में एक विशेष स्थान रखता है। भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं भगवद गीता में इस माह को अपना स्वरूप बताया है, जिससे इसका आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है
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Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष माह हिन्दू धर्म में एक विशेष स्थान रखता है। भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं भगवद गीता में इस माह को अपना स्वरूप बताया है, जिससे इसका आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन पवित्र नदियों, जैसे गंगा, यमुना या शिप्रा में स्नान करने और सामर्थ्य अनुसार दान करने से अनंत पुण्यफल की प्राप्ति होती है। इस दिन श्रद्धापूर्वक पितरों का तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। ऐसी मान्यता है कि अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करने से वे आशीर्वाद देते हैं, जिससे परिवार में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।
जीवन का अंधकार दूर करेंगे दीपक के ये उपाय
मार्गशीर्ष अमावस्या की रात को, जब चारों ओर घना अंधकार होता है, दीपक जलाना न केवल प्रकाश का प्रतीक है, बल्कि यह जीवन से नकारात्मकता, पितृ दोष और दुर्भाग्य को दूर करने का एक शक्तिशाली माध्यम भी है।
पीपल के पेड़ के नीचे दीपक
पीपल के वृक्ष में सभी देवी-देवताओं और पितरों का वास माना जाता है। अमावस्या की शाम को यह उपाय करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सूर्यास्त के बाद, पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का एक दीपक जलाएं। दीपक जलाने के बाद, शांत मन से अपने पितरों को याद करें और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें। इसके बाद पीपल के पेड़ की 5 या 7 बार परिक्रमा करें।
मुख्य द्वार पर दीपक
घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना मां लक्ष्मी को आमंत्रित करने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका माना जाता है। शाम के समय, घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर शुद्ध घी का एक-एक दीपक जलाएं। दीपक का मुख अंदर की ओर रखें। दीये में थोड़ी-सी हल्दी या केसर मिला दें। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश रुकता है, सकारात्मकता बढ़ती है, और मां लक्ष्मी का आगमन होता है, जिससे आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं।

तुलसी के पास दीपक
मार्गशीर्ष मास भगवान विष्णु का प्रिय माह है और तुलसी जी को भगवान विष्णु की प्रिया माना जाता है। तुलसी के पास दीपक जलाना अत्यंत शुभ फलदायी होता है। शाम को तुलसी के पौधे के पास शुद्ध घी का दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय भगवान विष्णु के मंत्र ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करें। तुलसी की 11 या 21 बार परिक्रमा करें। यह उपाय घर में सौभाग्य और वैभव लाता है, सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और परिवार में प्रेम बना रहता है।
नदी या जलाशय में दीपदान
अमावस्या पर दीपदान का विशेष महत्व है, खासकर पवित्र नदी में। आटे का एक दीपक बनाएं, उसमें तिल का तेल या घी भरकर जलाएं। पवित्र नदी या किसी जलाशय के किनारे खड़े होकर इस दीपक को जल में प्रवाहित कर दें । यदि नदी उपलब्ध न हो, तो किसी साफ जल के पात्र में भी यह उपाय कर सकते हैं। यह उपाय व्यक्ति के ज्ञात-अज्ञात पापों को दूर करता है और जीवन में आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।
