Motishwar shiv mandir: रेगिस्तान में बने इस शिव मंदिर के कुएं में वर्ष भर रहता है पानी

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 28 Feb, 2023 12:07 PM

motishwar shiv mandir

अपने देश में ही नहीं, दुनिया भर में भगवान शिव की आराधना की जाती है, जिसकी प्रामाणिकता हर जगह मौजूद प्राचीन मंदिरों से मिलती है।

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Motishwar shiv mandir muscat: अपने देश में ही नहीं, दुनिया भर में भगवान शिव की आराधना की जाती है, जिसकी प्रामाणिकता हर जगह मौजूद प्राचीन मंदिरों से मिलती है। आपको भगवान शिव के सबसे प्राचीन तथा ऐतिहासिक मंदिरों में से एक के विषय में जानकारी दे रहे हैं, जो हमारे देश के बाहर हैं। ओमान के मस्कट शहर में ‘मोतीश्वर शिव मंदिर’ है। इस मंदिर में सभी हिंदू त्यौहारों पर बहुत गहमागहमी रहती है। मस्कट इस देश का सबसे पुराना शहर भी है। यहां महाशिवरात्रि, रामनवमी, बसंत पंचमी, हनुमान जयंती, श्रावण माह और गणेश चतुर्थी धूमधाम से मनाई जाती है। यह मंदिर मस्कट अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से करीब 30 किलोमीटर दूर सुल्तान पैलेस के पास स्थित है।
महाशिवरात्रि के त्यौहार के दौरान देश-विदेश से 50 हजार से अधिक भक्त इस मंदिर में पूजा करके भोले बाबा का आशीर्वाद लेने आते हैं। मंदिर परिसर में भगवान शिव और हनुमान जी की मूर्तियां हैं।

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यह मंदिर 17वीं शताब्दी में गुजरात के कच्छ के भाटिया व्यापारी समुदाय ने बनवाया था। इस समुदाय के सदस्य 15वीं सदी में मस्कट में आ बसे थे। कुछ दस्तावेजों के अनुसार गुजराती परिवारों के हाथ में 19वीं शताब्दी की शुरूआत में इतनी शक्ति आ गई थी कि उन्होंने ओमान के सुल्तान सैयद सईद को मस्कट से जंजीबार में अपनी राजधानी स्थानांतरित करने के लिए राजी कर लिया था।

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व्यापारी ‘रतनसी पुरुषोत्तम’ ने मस्कट के अल-बनयान क्षेत्र में भी दो मंदिर बनवाए थे।

वह ओमान में हथियारों और खजूर का कारोबार किया करते थे। मस्कट के ‘दर्सेट’ इलाके में एक कृष्ण मंदिर भी स्थित है। यह मोतीश्वर शिव मंदिर से 10 किलोमीटर दूर है। बता दें कि मस्कट एक रेगिस्तान है, जहां बारिश बहुत कम होती है लेकिन मंदिर के कुएं में वर्ष भर पानी रहता है, जिसे लोग एक रहस्य समझते हैं क्योंकि इस कुएं के आस-पास इस तरह किसी अन्य स्थान पर पानी एकत्र नहीं होता। इस मंदिर में 3 पुजारियों के अलावा कई प्रशासनिक कर्मचारी भी रहते हैं। कई स्वयं सेवकों के साथ मंदिर के कामकाज पूरे होते हैं।    

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