Motivational Concept: इस प्रसंग की मदद से जानिए ‘वास्तविकता’ और ‘खुशफहमी’ में अंतर

Edited By Jyoti,Updated: 13 Jun, 2022 12:48 PM

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हिमाकत की तरह खुशफहमी की भी कोई हद नहीं होती। जब आदमी एक बार इसमें उलझ जाता है तो तरह-तरह के हवाई किले बनाने लगता है और कुछ अवसरों पर तो शेख चिल्ली को भी मात कर देता है।

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हिमाकत की तरह खुशफहमी की भी कोई हद नहीं होती। जब आदमी एक बार इसमें उलझ जाता है तो तरह-तरह के हवाई किले बनाने लगता है और कुछ अवसरों पर तो शेख चिल्ली को भी मात कर देता है। खुशफहमी को ध्यान में रखते हुए हमें वह आदमी याद आ गया जिसने कहा था कि ‘‘मैं चांद पर जा सकता हूं बशर्ते कि...।’’ 

किसी के यह पूछने से पहले ही कि ‘बशर्ते’ से उसका क्या मतलब है, उसने जवाब दिया था, ‘‘बशर्ते कि कोई मुझे उठा कर चांद पर छोड़ आए।’’

खुशफहमी की बदौलत आदमी एक मामूली पहाड़ी पर चढऩे के बाद कल्पना कर सकता है कि वह माऊंट एवरैस्ट की चोटी पर खड़ा है। उसकी आंखें तब खुलती हैं, जब वह हकीकत से दो-चार होता है। एक कस्बे में कोई व्यक्ति अपने आपको बड़ा मुक्केबाज समझता था और हर व्यक्ति को अपने सामने नाकारा मानता था। एक बार कोई प्रसिद्ध मुक्केबाज उस कस्बे में आया और उसने उस मुक्केबाज को चैलेंज किया। प्रसिद्ध मुक्केबाज ने कुछ मिनटों में कस्बे के मुक्केबाज का कचूमर निकाल कर रख दिया।

खेल की समाप्ति पर उसने कहा, ‘‘मेरा तो विचार था कि तुम मुक्केबाजी जानते हो।’’ 

वह लज्जित-सा होकर बोला, ‘‘तुम्हारे साथ मुकाबला करने से पहले मेरा भी यही विचार था।’’

हकीकत तथा खुशफहमी में जमीन-आसमान का अंतर होता है। एक बार प्रमुख वैज्ञानिक आइंस्टीन कुछ प्रोफैसरों के सामने अपनी थ्यूरी की व्याख्या कर रहे थे। उन्होंने अपने भाषण में बार-बार यह वाक्य दोहराया ‘‘हकीकत तथा खुशफहमी में बड़ा अंतर होता है।’’ 

जब उनका भाषण समाप्त हुआ तो एक प्रोफैसर ने पूछा, ‘‘उदाहरण देकर समझाइए कि हकीकत तथा खुशफहमी में क्या अंतर होता है?’’

आइंस्टीन ने मुस्करा कर उत्तर दिया, ‘‘देखिए यह हकीकत है कि आपके सामने मैंने अपनी थ्यूरी की व्याख्या कर दी है लेकिन यह सिर्फ मेरी खुशफहमी होगी यदि मैं यह कहूं कि वह आपकी समझ में आ गई है।’’

उस व्यक्ति का किस्सा भी याद आ रहा है जो बरामदे में बैठा जोर-जोर से ‘भाग जाओ, भाग जाओ’ की आवाज लगा रहा था। किसी ने पूछा, ‘‘किसको भगा रहे हो?’’ 
वह बोला, ‘‘भूतों को।’’

व्यक्ति ने पूछा, ‘‘परंतु मुझे तो यहां कोई भूत दिखाई नहीं देता।’’ 

उसने हंस कर उत्तर दिया, ‘‘नजर कैसे आए, जब मैंने उन सबको भगा ही दिया है।’’

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