Edited By Sarita Thapa,Updated: 30 Jun, 2025 07:00 AM

Motivational Story: जापान के सम्राट यामातो का एक वृद्ध राज्यमंत्री था ओ-चो-सान। उसका परिवार प्रेमपूर्ण व्यवहार के लिए बड़ा प्रसिद्ध था। यद्यपि उसके परिवार में लगभग 1000 सदस्य थे, पर उनके बीच एकता का अटूट संबंध स्थापित था।
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Motivational Story: जापान के सम्राट यामातो का एक वृद्ध राज्यमंत्री था ओ-चो-सान। उसका परिवार प्रेमपूर्ण व्यवहार के लिए बड़ा प्रसिद्ध था। यद्यपि उसके परिवार में लगभग 1000 सदस्य थे, पर उनके बीच एकता का अटूट संबंध स्थापित था। सभी सदस्य साथ-साथ रहते और साथ-साथ ही खाना खाते थे। ओ-चो-सान के परिवार की एकता की बात यामातो के कानों तक पहुंची। सत्यता की जांच करने के लिए एक दिन वह स्वयं उस वृद्ध मंत्री के घर तक आ पहुंचे।

स्वागत-सत्कार की रस्में समाप्त हो जाने पर उन्होंने पूछा, ‘‘महाशय! मैंने आपके परिवार की एकता की कई कहानियां सुनी हैं। क्या आप बताएंगे कि 1000 से भी अधिक व्यक्तियों वाले आपके परिवार में प्रेमपूर्ण संबंध किस तरह बना हुआ है?’’
ओ-चो-सान वृद्धावस्था के कारण अधिक देर तक बातें नहीं कर सकता था। अत: उसने अपने पौत्र को संकेत से कलम-दवात और कागज लाने के लिए कहा। उन चीजों के आ जाने पर उसने अपने कांपते हाथों से कोई सौ शब्द लिख कर वह कागज सम्राट यामातो की ओर बढ़ा दिया।

सम्राट ने उत्सुकतावश कागज पर नजर डाली, तो वह चकित रह गए। कागज में एक ही शब्द को 100 बार लिखा गया था। सहनशीलता, सहनशीलता, सहनशीलता...।’
सम्राट को चकित देख कर ओ-चो-सान ने अपनी कांपती हुई आवाज में कहा, ‘‘महाराज! मेरे परिवार की एकता व सद्भावना का रहस्य बस इसी एक शब्द में निहित है। ‘सहनशीलता’ का यह महामंत्र ही हमारे बीच एकता का धागा अब तक पिरोए हुए है।” यह सुनने के बाद राजा संतुष्ट होकर अपने महल लौट गया।
