Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 Apr, 2023 09:04 AM
टकराव से बिखराव गली संकरी है। कोई राजा उससे निकल रहा हो और अचानक सामने से दौड़ता हुआ सांड आ जाए तो अब राजा क्या करेगा
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
टकराव से बिखराव
गली संकरी है। कोई राजा उससे निकल रहा हो और अचानक सामने से दौड़ता हुआ सांड आ जाए तो अब राजा क्या करेगा ? क्या यह कहेगा कि ऐ सांड, तू हट जा। यह मेरी गली है। मैं यहां का राजा हूं। तो सांड कहेगा, ‘‘तू राजा, मैं महाराजा, आ जा।’’
राजा की समझदारी इसी में है कि या तो वह चबूतरे पर चढ़ जाएगा या पीछे हट जाएगा। दिन भर हमें कई सांड मिलते हैं पर हमें किसी से टकराना नहीं है क्योंकि टकराव बिखराव का कारण है।
1100 रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें
नकल करो नेकी करने वालों की
यह नकल युग है। आजकल लोग नकल तो करते हैं लेकिन शक्ल की, अक्ल की नहीं। कोई फिल्म हिट हो जाए तो उस हीरो के कपड़ों की नकल चल पड़ती है, उसके ‘हेयर स्टाइल’ की नकल चल पड़ती है।
क्यों ? क्योंकि सबसे अलग दिखना है। अरे भाई, सबसे अलग ही दिखना है तो नेकी करने वालों की नकल करो। नकल करो लेकिन नायक की। खलनायक की नहीं।
खुद नायक बनो
दुनिया में दो तरह के इंसान होते हैं, एक नायक, दूसरा खलनायक। नायक सत्यनिष्ठ होता है, खलनायक पथभ्रष्ट होता है। अपने लक्ष्य के लिए दोनों संघर्ष करते हैं और अंतत: नायक जीतता है, खलनायक हारता है। अत: अपने बच्चों को लायक बनाओ। इसके लिए खुद नायक बनो और खलनायक से दूर रहो। वैसे जैन पर परा नायक-खलनायक बनने की नहीं, मूल नायक बनने की है।
पैसा जेब में, दिमाग में नहीं
पैसा जेब में रखो दिमाग में नहीं। दिमाग में पैसा रखोगे तो दिमाग होगा सातवें आसमान पर और तुम होगे सातवें नरक में और पैसा जेब में होगा तो दुनिया होगी तुम्हारी जेब में और तुम होगे दुनिया की जेब में। पैसा जेब में है तो पैसा हाथ का मैल है और पैसा दिमाग में है तो पैसे के सामने रिश्ते-नाते सब फेल हैं। पैसा कुछ हो सकता है बहुत कुछ हो सकता है पर सब कुछ नहीं।