Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Aug, 2023 09:35 AM
दुनिया में तीन देव हैं - ब्रह्मा, विष्णु, महेश। ब्रह्मा जन्मदाता हैं, इसलिए लोग उन्हें पूजते हैं। विष्णु पालक और महेश संहारक हैं-इसलिए लोग उन्हें सिर झुकाते हैं। ब्रह्मा में विष्णु और विष्णु में महेश नहीं समा
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मां में ही ब्रह्मा, विष्णु, महेश
दुनिया में तीन देव हैं - ब्रह्मा, विष्णु, महेश। ब्रह्मा जन्मदाता हैं, इसलिए लोग उन्हें पूजते हैं। विष्णु पालक और महेश संहारक हैं-इसलिए लोग उन्हें सिर झुकाते हैं। ब्रह्मा में विष्णु और विष्णु में महेश नहीं समा सकते लेकिन दुनिया में मां एक ऐसा तत्व है, जिसमें ब्रह्मा भी हैं, विष्णु भी हैं और महेश भी हैं। मां जन्म देती है, इसलिए ब्रह्मा है, संतान को पालती है, इसलिए विष्णु है और संस्कार देकर उसका उद्धार करती है, इसलिए महेश भी है। नौ घंटे पांच किलो का पत्थर पेट पर बांधकर देखो। पता लग जाएगा मां क्या होती है !
धूल की भिक्षा
संत ने द्वार पर दस्तक दी और आवाज लगाई- भिक्षाम देहि! एक नन्ही बालिका बाहर आई। बोली : बाबा ! हम गरीब हैं, हमारे पास देने को कुछ नहीं है।
" संत बोले, ‘‘बेटी ! मना मत कर, अपने आंगन की धूल ही दे दो।" लड़की ने एक मुट्ठी धूल उठाई और भिक्षा पात्र में डाल दी।
शिष्य ने पूछा, ‘‘गुरु जी ! धूल भी कोई भिक्षा है? आपने धूल देने को क्यों कहा?’’
संत बोले, ‘‘बेटा, अगर वह आज न कह देती तो फिर कभी नहीं दे पाती। आज धूल दी तो क्या हुआ ? देने का संस्कार तो पड़ गया। आज धूल दी है, फल-फूल भी देगी।’’ दाता बनकर जिओ।
गलतफहमी का गधा
आज का आदमी बच्चों को कम, गधों को ज्यादा पाल रहा है। एक नदी बह रही है तो वह स्वभावगत ही बह रही है लेकिन एक व्यक्ति है जो नदी किनारे की चट्टान पर बैठा है और नदी के जल में अपना पैर डालकर हिला रहा है।
मैंने पूछा- क्या कर रहे हो ?
जवाब मिला - देखते नहीं मैं पैर हिला रहा हूं, इसलिए नदी बह रही है। क्या यह गलतफहमी का गधा पालना नहीं है ? यथार्थ में जिएं क्योंकि दंभ में कोई दम नहीं होता।