Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Sep, 2017 02:57 PM
21 सितंबर से नवरात्रि शुरू होने वाले हैं। नौ दिनों तक लोग अपने घरों में मां दुर्गा के नवस्वरूपों का पूजन कर
21 सितंबर से नवरात्रि शुरू होने वाले हैं। नौ दिनों तक लोग अपने घरों में मां दुर्गा के नवस्वरूपों का पूजन कर व्रत रखते हैं। इन नौ दिनों में मां दुर्गा को भोग लगाया जाता है। यदि माता के नवस्वरूपों को उनका पसंदीदा भोग लगाया जाए तो मां का आशीर्वाद पाया जा सकता है। जानिए, नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक कौन सी देवी को क्या भोग अर्पित करना चाहिए।
नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा होती है। उन्हें सफेद वस्तुअों का भोग लगाया जाता है। यदि मां को भोग लगाने वाली चीजें गाय के घी में बनी हो तो व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है।
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को मिश्री, चीनी और पंचामृत का भोग लगाया जाता है। इन चीजों का दान करने से व्यक्ति को दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बनी चीजों का भोग लगाएं अौर ब्राह्मण को दान करें। ऐसा करने से माता प्रसन्न होकर अपने भक्त के समस्त दुखों का नाश करती हैं।
नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा को मालपुए का भोग लगाएं अौर ब्राह्मण को दान करें। इस प्रसाद को खुद भी ग्रहण करें। इससे बुद्धि का विकास होगा अौर निर्णय क्षमता भी अच्छी हो जाएगी।
नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा करके भगवती दुर्गा को केले का भोग लगाएं और यह प्रसाद ब्राह्मण को दे दें। ऐसा करने से व्यक्ति की बुद्धि का विकास होता है।
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी के पूजन में शहद का विशेष महत्व है। इस दिन प्रसाद में शहद का प्रयोग कर ब्राह्मण को दान करने से भक्त की सुंदरता में वृद्धि होती है।
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा में गुड़ का नैवेद्य अर्पित करें अौर ब्राह्मण को दान करें। ऐसा करने से व्यक्ति शोकमुक्त होता है।
नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी का पूजन होता है। इस दिन माता को नारियल का भोग लगाएं। नारियल को सिर से घुमाकर जल में प्रवाहित कर दें। इससे भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।
नवरात्रि के नवमी तिथि को मां सिद्धिदात्री को विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग लगाएं अौर उसके बाद उसे गरीबों में दान कर देना चाहिए। ऐसा करने से भक्त को जीवन में हर सुख-शांति की प्राप्ति होती है। इस दिन धान का दान करने से व्यक्ति को लोक परलोक का सुख मिलता है।