Edited By Sarita Thapa,Updated: 22 Sep, 2025 06:01 AM

सनातन धर्म में शारदीय नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की पूजा के लिए बहुत खास माना जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों तक पूरे विधि-विधान के साथ मां दुर्गा की पूजा करने का विधान है।
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Navratri 2025: सनातन धर्म में शारदीय नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की पूजा के लिए बहुत खास माना जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों तक पूरे विधि-विधान के साथ मां दुर्गा की पूजा करने का विधान है। इन नौ दिनों के दौरान माता रानी के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं और तरह-तरह के भोग लगाते हैं। माता रानी की पूजा में फल चढ़ाने को शुभ माना जाता है, लेकिन शास्त्रों में कुछ ऐसे भी फल हैं, जो नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा को नही चढ़ाना चाहिए। तो आइए जानते हैं कि वो कौन से फल हैं, जिन्हें माता रानी को अर्पित करना वर्जित माना गया है।

नवरात्रि में वर्जित फल
नवरात्रि के दौरान माता रानी को खुश करने के लिए भक्त उन्हें तरह-तरह के फलों का भोग लगाते हैं, लेकिन कई ऐसे फल ऐसे भी जिन्हें मां दुर्गा को चढ़ाना वर्जित माना जाता है। जैसे कि मां दुर्गा को कटहल, कस्टर्ड एप्पल, नींबू, काले बीज वाले फल, बहुत अधिक खट्टे फल आदि अर्पित नहीं करना चाहिए। इन्हें माता रानी को चढ़ाना अशुभ माना गया है। ऐसे फल व्रत और पूजन में वर्जित बताए गए हैं। सही फल अर्पित करने से देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जबकि वर्जित फल चढ़ाने से पूजा का फल कम हो सकता है।

नवरात्रि में चढ़ाने योग्य फल
नवरात्रि के दौरान माता रानी को खुश करने और उनकी कृपा पाने के लिए उन्हें सेब, केला और अनार,अमरूद और नारंगी, अनानास और मौसमी फल, नारियल जैसे फल भोग के तौर पर अर्पित करना चाहिए। ये फल माता को अर्पित करने से स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है।
