संकष्टी चतुर्थी का व्रत वैसे तो हर महीने में दो बार होता है लेकिन माघ महीने में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी की महिमा सबसे ज्यादा है। संकष्टी चतुर्थी का मतलब होता है दुखों को हरने वाला। संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश
Tilkut Chauth Vrat 2021 Muhurat: संकष्टी चतुर्थी का व्रत वैसे तो हर महीने में दो बार होता है लेकिन माघ महीने में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी की महिमा सबसे ज्यादा है। संकष्टी चतुर्थी का मतलब होता है दुखों को हरने वाला। संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित होती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। गणेश जी को प्रथम देव माना गया है इसलिए हर शुभ कार्य से पहले उन्हें ही पूजा जाता है।

Vrat vidhi of Sankat Chauth : चूंकि चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की मानी गई है इसलिए इस दिन खासतौर पर गणेश जी की पूजा की जाती है। गणेश जी को तिलकूट का प्रसाद चढ़ाया जाता है। उत्तर भारत के कई राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि में यह त्योहार खासतौर पर मनाया जाता है। संतान की सलामती के लिए इस दिन माताएं निर्जला व्रत रखती हैं। शाम को गणेश जी की कहानी सुनकर चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत को खोलती हैं।

Tilkut Chauth Kab Hai 2021: इस बार माघ माह की संकट चौथ का पर्व 31 जनवरी 2021 को मनाया जाएगा। इस दिन चतुर्थी तिथि 31 जनवरी 2021 को रात 8 बजकर 24 मिनट से शुरू होगी और एक फरवरी 2021 को शाम 6 बजे तक रहेगी। चंद्रमा रात्रि 8 बजे निकलेगा इसलिए संकट चौथ का व्रत 31 जनवरी को ही रखा जाएगा। संकट चौथ को संकष्टी चतुर्थी, वक्रतुंडी चतुर्थी, तिलकुटा चौथ के नाम से भी जाना जाता है।

Sankat Chauth and Vakra Tundi Chaturthi: संकट चौथ का व्रत जीवन में सुख-समृद्धि लाता है। वहीं इस व्रत को संतान के लिए श्रेष्ठ माना गया है। संकष्टी चतुर्थी या संकट चौथ का व्रत संतान की लंबी उम्र व खुशहाल जीवन के लिए रखा जाता है साथ ही इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है। माना जाता है कि संकट चौथ का व्रत व इस दिन लंबोदर की पूजा से सारे संकट दूर हो जाते हैं और संतान की दीर्घायु और सुखद जीवन का वरदान प्राप्त होता है।

Sakat Chauth Importance : ऐसा माना जाता है कि जो बच्चे गंभीर रोग से पीड़ित होते हैं, उनके लिए यदि मां इस दिन व्रत रखे तो लाभ मिलता है। वहीं यह व्रत बच्चों को बुरी नजर से भी बचाता है। इसके साथ ही जो मां अपने बच्चों के लिए इस दिन व्रत रखती हैं, वे बच्चे जीवन में कई तरह के संकटों से दूर रहते हैं।

What are the effects of Sakat Chaturthi: मां द्वारा रखा जाने वाला यह व्रत बच्चों की शिक्षा में आने वाली बाधा को भी दूर करने वाला माना गया है। संतान पर भगवान गणेश की कृपा और आर्शीवाद बना रहता है। इस दिन भगवान गणेश को तिल, गुड, गन्ना और तिल का भोग लगाया जाता है।

How is vrat celebrated in North India : संकट चौथ पर गणेश जी की पूजा के लिए सुबह स्नान करें। साफ कपड़े पहनें या तो मंदिर में जाकर गणेश जी की पूजा करें या फिर मिट्टी से गणेश जी बनाएं और पूजा करें। भगवान गणेश के मंत्रों का जप करें। इस दिन गणेश जी को पीले वस्त्र पहनाएं। शाम को चंद्रमा को जल देकर व्रत समाप्त करें। तिल और गुड़ का भोग लगाएं। प्रसाद में गुड़ और तिल दें।
गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com

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