Edited By Prachi Sharma,Updated: 07 Dec, 2025 12:15 PM

Motivational Quotes: देवी चित्रलेखा भारत की एक जानी-मानी कथावाचिका और आध्यात्मिक वक्ता हैं, जो अपनी सरल और मधुर वाणी से भगवत कथा का प्रचार करती हैं। उनके प्रवचनों में जीवन की सच्चाइयों, धर्म और कर्म के सिद्धांतों का सार छुपा होता है। उनके अनमोल...
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Motivational Quotes: देवी चित्रलेखा भारत की एक जानी-मानी कथावाचिका और आध्यात्मिक वक्ता हैं, जो अपनी सरल और मधुर वाणी से भगवत कथा का प्रचार करती हैं। उनके प्रवचनों में जीवन की सच्चाइयों, धर्म और कर्म के सिद्धांतों का सार छुपा होता है। उनके अनमोल विचार हमें सत्य, प्रेम और भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।
देवी चित्रलेखा के अनमोल विचार

सत्य और ईमानदारी पर विचार
वी चित्रलेखा के अनुसार, सत्य ही ईश्वर है और इस पर अडिग रहना ही सबसे बड़ी भक्ति है।
"सत्य की राह कठिन ज़रूर है, पर उसका अंत हमेशा शांति और आनंद में होता है।"
वह कहती हैं कि जीवन में छोटी-बड़ी हर चीज़ में सत्य को अपनाना चाहिए। असत्य क्षणिक सुख दे सकता है, लेकिन यह हमारे मन और आत्मा पर भार डालता है। सत्य का पालन करने से व्यक्ति निर्भय हो जाता है। उनके विचारों में, हमें अपने कर्मों के प्रति भी सच्चा होना चाहिए। यदि हम कोई कार्य ईमानदारी और निष्ठा से करते हैं, तो उसका फल निश्चित रूप से मीठा होता है।
प्रेम और सेवा की भावना
उनका कहना है कि प्रेम केवल लेना नहीं, बल्कि निःस्वार्थ भाव से देना है। हमें हर प्राणी, प्रकृति और पूरे ब्रह्मांड से प्रेम करना चाहिए। यह प्रेम ही हमें सेवा भाव की ओर प्रेरित करता है। वह भगवान श्री कृष्ण के जीवन का उदाहरण देते हुए बताती हैं कि सच्ची सेवा वही है जो बिना किसी अपेक्षा के की जाए। किसी ज़रूरतमंद की सहायता करना, भूखे को भोजन कराना, या किसी को मीठे बोल बोलना ये सब सेवा के ही रूप हैं।

सकारात्मकता और जीवन जीने का तरीका
जीवन में चुनौतियां आती रहती हैं लेकिन हमें कभी भी निराशा को हावी नहीं होने देना चाहिए। हर समस्या में एक अवसर छुपा होता है। हमें ईश्वर पर अटूट विश्वास रखना चाहिए कि वह हमारे लिए हमेशा सर्वश्रेष्ठ ही करते हैं। अतीत की चिंता या भविष्य की फिक्र में अपना वर्तमान बर्बाद न करें। हर पल को पूरी जागरूकता और कृतज्ञता के साथ जीना ही जीवन का सही अर्थ है।
धर्म और भक्ति का मार्ग
घर-गृहस्थी और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा से निभाना ही सच्ची पूजा है। अपने काम को ईमानदारी से करना ही सबसे बड़ी भक्ति है। वह भगवान के नाम जप के अद्भुत प्रभाव के बारे में बताती हैं। नाम जप मन को शांत करता है और हमें भौतिक बंधनों से मुक्त करता है।
