मिल जाएगा अपना मनपसंद वर, बस एक बार चले जाएं इस मंदिर

Edited By Updated: 14 Dec, 2019 12:34 PM

sankata devi mandir in uttar pradesh

भारत में देवी-देवताओं के मंदिरों की भरमार देखने को मिलती है। इन मंदिरों की सूची में त्रिदेव से लेकर हिंदू धर्म के प्रमुख देवियों के भी धार्मिक स्थल शामिल हैं

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भारत में देवी-देवताओं के मंदिरों की भरमार देखने को मिलती है। इन मंदिरों की सूची में त्रिदेव से लेकर हिंदू धर्म के प्रमुख देवियों के भी धार्मिक स्थल शामिल हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं इन्हीं देवियों को आदिशक्ति देवी दुर्गा के ऐसे ही चमत्कारी मंदिर की, जिसके बारे में मान्यता प्रचलित है कि जहां जो भी कन्या जाती हैं उसे जीवन में मनचाहा वर यानि मनपसंद लाइफ पार्टनर की प्राप्ति है। तो अगर आप भी शादी के लायक हो चुकी हैं और सुयोग्य या अपनी पसंद के लड़के को अपना हमसफ़र यानि जीवनसाथी बनाना चाहती है तो एक बार इस मंदिर के दर्शन ज़रूर कर लें। मगर इससे पहले अगर आप इस मंदिर के बारे मे कुछ जानने के इच्छुक हैं तो बिना देर करते हुए आगे बताई गई मंदिर से जुड़ी जानकारी ज़रूर पढ़ लें।
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तो आइए जानते हैं मंदिर के बारे में दिलचस्प बातें-
जिस मंदिर की हम बात कर रहे हैं वो देवी दुर्गा के शक्तिपीठों में मंदिरों में से एक जो उत्तर प्रदेश के लालगंज क्षेत्र के गेगांसों में स्थापित है। जहां मां को देवी संकटा के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है यह मंदिर अपनी अद्भुत विशेषताओं के चलते न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि अन्य शहरों में भी प्रसिद्धि हासिल किए हुए हैं। यहां आने वाले भक्तों का कहना है कि यूं तो यहां प्रत्येक व्यक्ति की हर तरह की इच्छा पूरी होती है परंतु खासतौर पर यहां आने वाले अविवाहित कन्याओं के शीघ्र पूरी होने की मान्यता है।

मंदिर का निर्माण
यहां के निवासियों की मानें तो देवी संकटा मंदिर का निर्माण 12 वीं शताब्दी के दौरान किया गया था। प्राचीन कथाओं के अनुसार बैसवारा के क्षत्रिय राजा त्रिलोक चंद्र की कोई संतान नहीं थी। अपनी इस अधूरी इच्छा को पूरा करने के लिए राजा त्रिलोकचंद्र काशी पहुंचे। यहां उन्‍होंने महर्षि पुंजराज बाबा से अपनी व्‍यथा कही। जिसके बाद बाबा ने राजा को पुत्र प्राप्ति का मार्ग बताया। उन्‍होंने राजा से पुत्रयेष्ठि यज्ञ करवाया। कहा जाता है यक्ष समाप्‍त होते ही राजा को पुत्र रत्‍न प्राप्ति की शुभ सूचना मिली। बताया जाता है जिस स्‍थान पर राजा ने यह पुत्रयेष्ठि यज्ञ करवाया था आज भी उसी तपोभूमि पर ये मंदिर स्थित है।
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समस्त मनोकामनाएं होती हैं पूरी
जैसे कि हम ने उपरोक्त बताया कि कि यहां कुंवारी कन्याएं अपने मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए देवी मां से वरदान मांगने आती हैं। इसके अलावा जिन दंपतियों को संतान नहीं हैं वे लोग भी यहां मन्नत लेकर आते हैं जिसके बाद उनकी सूनी गोद भर जाती हैं।

मन्नतों के इस मंदिर में आने वाले भक्तों का कहना है कि देवी दुर्गा को समर्पित संकटा मंदिर में लाल चुनरी बांधने से सभी की मनोकामना पूरी होती है और उनकी झोली खुशियों से भर जाती हैं। अन्य प्रचलित मान्यताओं के अनुसार मन्‍नतें पूरी होने के बाद भक्त मां को उनको प्रिय सिंघाड़े का लड्डू अर्पित करते हैं।
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