Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 May, 2020 06:32 AM
शनिदेव की कृपा के लिए शनि भक्त क्या-क्या नहीं करते। मंदिर जाते हैं, उपवास रखते हैं और जब भक्तों की मुराद पूरी हो जाती है तो वह शनिदेव की भक्ति भाव से निहाल हो जाते हैं। अगर शनि भक्त शनिदेव की आराधना सच्चे
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Shani patni mantra: शनिदेव की कृपा के लिए शनि भक्त क्या-क्या नहीं करते। मंदिर जाते हैं, उपवास रखते हैं और जब भक्तों की मुराद पूरी हो जाती है तो वह शनिदेव की भक्ति भाव से निहाल हो जाते हैं। अगर शनि भक्त शनिदेव की आराधना सच्चे मन से करें तो सूर्य पुत्र उनकी मनोकामना पूरी करने में कभी देर नहीं करते। शनिदेव को कैसे प्रसन्न किया जाए यह सवाल हर भक्त के मन में जरूर रहता है। यहां बहुत ही आसान से उपाय बता रहे हैं जिन्हें आजमाकर आप शनिदेव को जल्द से जल्द प्रसन्न कर सकते हैं-
शनिवार को पीपल के वृक्ष के चारों ओर सात बार कच्चा सूत लपेटें और यह क्रिया करते समय शनि के किसी भी एक मंत्र का जाप करते रहें। इसके बाद वृक्ष का धूप-दीप से पूजन करें। ध्यान रखें कि जब यह पूजा करें उस दिन बिना नमक का भोजन ही करें।
शनिदेव के प्रकोप को शांत कर उनको प्रसन्न करने के लिए आप शनि की पत्नी के नामों का नित्य पाठ करें तो शुभ रहेगा। मंत्र कुछ इस तरह हैं-
ध्वजिनी धामिनी चौव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन पुमान।
दु:खानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।
यदि कुष्ठ रोग वंशानुगत न होकर शनि के कोप के कारण हुआ है तो इससे मुक्ति पाने के लिए डाक्टरी सलाह के साथ इस मंत्र का जाप करने से यह रोग दूर हो सकता है।
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शनैश्चराय: नम:
शनिग्रह के अशुभ प्रभाव के कारण शरीर पर चर्म रोग हो जाए तो शनिवार के दिन बिछुआ की जड़ (एक प्रकार का जंगली पौधा) को बाजू में बांधने से लाभ होता है।
नीलम को शनि का रत्न माना जाता है। इसका प्रभाव तत्काल प्रारंभ हो जाता है। अत: इसे धारण करते समय खास सावधानी रखें।
प्रत्येक शनिवार को वट और पीपल के वृक्ष के नीचे सूर्योदय से पहले कड़वे तेल का दीपक जलाकर कच्चा दूध अर्पित करें। शनिदेव जरूर प्रसन्न होंगे।