Edited By Lata,Updated: 20 Mar, 2020 12:57 PM

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। इस बार ये व्रत कल यानि 21 मार्च को रखा जाएगा।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। इस बार ये व्रत कल यानि 21 मार्च को रखा जाएगा। शनिवार के दिन ये व्रत पड़ रहा है तो इसे शनि प्रदोष के नाम से जाना जाएगा। प्रदोष व्रत पर भोलेनाथ की पूजा की जाती है, लेकिन शनिवार को जैसे शनिदेव की पूजा होती है, इसलिए इस दिन शनिदेव की आराधना करना भी जरूरी होता है। वहीं अगर इस दिन शनि देव से जुड़े कुछ उपाय किए जाएं, तो दुर्भाग्य भी दूर हो सकता है।

कहते हैं कि इस दिन भगवान शिव की सोलह तरह की सामग्री से पूजा करनी चाहिए। इसके बाद आठ दीपक अलग-अलग दिशाओं में जलाएं और दीपक रखते समय प्रणाम करें। यदि संभव हो तो इस दिन कांसे की कटोरी में तिल का तेल लेकर अपना चेहरा देखना चाहिए और जो भी शनिदेव के नाम का दान स्वीकार करता हो उसे तेल दान कर दें।
Follow us on Twitter
शास्त्रों के अनुसार इस दिन बूंदी के लड्डू यदि काली गाय को खिलाएं जाएं तो व्यक्ति का भाग्योदय होता है। इसके साथ ही काले कुत्ते को तेल से चुपड़ी हुई रोटी खिलानी चाहिए।
Follow us on Instagram
शनि प्रदोष के दिन कम से कम एक माला शनि मंत्र के नाम की जाप करना चाहिए। जाप के दौरान उच्चारण शुद्ध रहना चाहिए।

इस दिन पीपल को जल देने से भी शनिदेव को प्रसन्न किया जा सकता है।
इसके साथ ही शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा की जाती है, इसलिए उनकी पूजा साथ में करने से दोगुना लाभ मिलेगा।