Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 Jan, 2022 07:52 AM
शनि देव की क्रूर दृष्टि से तो हर कोई भयभीत रहता है। ऐसा होना भी स्वाभाविक है क्योंकि वह जिस व्यक्ति पर अपना अशुभ प्रभाव देते हैं तो वह व्यक्ति राजा से रंक बन जाता है और जिस पर अपनी
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Shani trayodashi January 2022: शनि देव की क्रूर दृष्टि से तो हर कोई भयभीत रहता है। ऐसा होना भी स्वाभाविक है क्योंकि वह जिस व्यक्ति पर अपना अशुभ प्रभाव देते हैं तो वह व्यक्ति राजा से रंक बन जाता है और जिस पर अपनी कृपा बरसा दें तो वह व्यक्ति भिखारी से सिंहासन पर बैठ जाता है। शनिदेव को प्रसन्न करने के दो सबसे आसान तरीके यह है की व्यक्ति उनके आराध्य गुरु यानी भगवान शंकर की शरण में चला जाए। दूसरा भगवान शंकर के ही अंश अवतार हनुमान जी की भक्ति में रम जाए। शनिदेव कभी भी शिव भक्तों पर बुरा प्रभाव नहीं डालते और नियमित रूप से हनुमान जी का नाम लेने वालों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। त्रयोदशी तिथि हर माह की ऐसी तिथि है, जिस दिन शनिदेव और उनके गुरु दोनों की कृपा पाई जा सकती है।
ऋषि पिप्पलाद की कथा के अनुसार पीपल वृक्ष की सेवा करने पर शनि के कुप्रभाव से बचा जा सकता है। ऋषि पिप्पलाद को भगवान शंकर का अंश अवतार माना गया है। त्रयोदशी तिथि के दिन पीपल की विधि अनुसार पूजा करने से भगवान शिव और शनि देव दोनों की कृपा का पात्र बन सकते हैं। आइए जानते हैं की कौन से खास उपाय करके आप शनि महाराज की कृपा का पात्र बन सकते हैं-
त्रयोदशी तिथि के दिन पीपल के पेड़ के नीचे संध्या काल में दो दीपक जलाएं पहला दीपक खड़ी बाती का सरसों का तेल डालकर जलाएं। दूसरे दीपक में ऑडी बाती का इस्तेमाल करें। ऐसा करने पर शनि कृपा और शिव कृपा दोनों ही प्राप्त होगी।
त्रयोदशी तिथि के दिन पीपल के वृक्ष को अर्घ्य देते हुए कच्चा सूट लपेटकर काले सफेद तिल, टूटा चावल, शक्कर तीनों समान मात्रा में चढ़ाएं। आपके घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं आयेगी।
त्रयोदशी तिथि के दिन 13 प्रकार की मिठाई या 13 की संख्या में मिठाई एक दूने में रख कर अपनी इच्छा पूर्ति की कामना करें। शीघ्र ही आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।
नीलम
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