Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Aug, 2025 06:49 AM

Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि आश्विन मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी तक मनाई जाती है। इसे विशेष रूप से मां दुर्गा, उनकी नौ शक्तियों की उपासना और आत्मबल बढ़ाने का पर्व माना जाता है। इस दौरान साधक उपवास, कलश स्थापना, देवी पूजन, दुर्गा...
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Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि आश्विन मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी तक मनाई जाती है। इसे विशेष रूप से मां दुर्गा, उनकी नौ शक्तियों की उपासना और आत्मबल बढ़ाने का पर्व माना जाता है। इस दौरान साधक उपवास, कलश स्थापना, देवी पूजन, दुर्गा सप्तशती पाठ आदि करते हैं। कलश स्थापना को ही नवरात्रि की शुरुआत माना जाता है। शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना विधिपूर्वक करने से माता की कृपा प्राप्त होती है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां जगदंबे के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। देशभर में इस पर्व को बड़े ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है और इसके साथ ही घटस्थापना भी की जाती है।

Kalash sthapana 2025 (Ghatasthapana) vidhi कलश स्थापना (घटस्थापना) विधि: शुभ मुहूर्त में भूमि को गोबर या गंगाजल से पवित्र करें। मिट्टी के पात्र में जौ/गेहूं/बरली बोएं। तांबे/पीतल/मिट्टी के कलश में गंगाजल भरें, उसमें सुपारी, सिक्का, अक्षत डालें। कलश पर आम के पत्ते सजाकर नारियल रखें, नारियल पर लाल चुनरी बांधें। कलश को मिट्टी में बोए गए जौ के ऊपर स्थापित करें। कलश पर स्वस्तिक बनाकर "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे" मंत्र का जप करते हुए स्थापना करें। प्रतिदिन सुबह-शाम दीप प्रज्वलित करें और देवी का आह्वान करें।

शारदीय नवरात्र 2025 के लिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त: 22 सितम्बर को शारदीय नवरात्रि का आरंभ प्रतिपदा तिथि से होगा। पहले दिन शैलपुत्री की पूजा होगी और साथ में कलश स्थापन की जाएगी। कलश स्थापन का शुभ मुहूर्त प्रात: 6 बजे से लेकर 8 बजे तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:49 से लेकर दोपहर 12:38 मिनट तक है। कलश स्थापन के दिन हस्त नक्षत्र के साथ ब्रह्म योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण होगा।
