Edited By Niyati Bhandari,Updated: 27 Aug, 2023 08:11 AM
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों से मिलने के लिए यूनान की राजधानी
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बेंगलुरु (प.स.): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों से मिलने के लिए यूनान की राजधानी एथेंस से शनिवार को सीधे बेंगलुरु पहुंचे। प्रधानमंत्री ने इस दौरान घोषणा की कि चंद्रयान-3 लैंडर चंद्रमा की सतह पर जिस स्थान पर उतरा है, उसका नाम ‘शिवशक्ति प्वाइंट’ रखा जाएगा। प्रधानमंत्री ने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास का ‘असाधारण क्षण’ करार दिया और कहा कि चंद्रमा की सतह पर जिस स्थान पर चंद्रयान-2 ने 2019 में अपने पदचिन्ह छोड़े थे, उसे ‘तिरंगा प्वाइंट’ के नाम से जाना जाएगा।
उन्होंने कहा , ‘‘टचडाऊन के स्थान का नामकरण करने की एक वैज्ञानिक परंपरा है। भारत ने उस चंद्र क्षेत्र का नाम ‘शिवशक्ति प्वाइंट’ रख दिया है और चांद पर अब यहीं भारत की पहचान है।’’ मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों से कहा कि देश का अंतरिक्ष उद्योग अगले कुछ वर्षों में 8 से बढ़कर 16 अरब डालर तक पहुंच जाएगा। इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने उन्हें चंद्रयान-3 मिशन के बारे में जानकारी दी। इससे पहले, मोदी चंद्रयान-2 मिशन के ‘विक्रम’ लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने का साक्षी बनने के लिए 6 सितम्बर, 2019 की रात को बेंगलुरु आए थे, लेकिन 7 सितम्बर को तड़के सतह पर उतरने के निर्धारित समय से चंद मिनट पहले इसरो का यान से संपर्क टूट गया था। उस समय ‘विक्रम’ चंद्रमा की सतह से मात्र 2.1 किलोमीटर ऊपर था।