Shri Siddhivinayak Temple: भारत का अनोखा मंदिर, जहां विराजते हैं दाईं सूंड वाले गणपति

Edited By Updated: 06 Sep, 2025 02:00 PM

shri siddhivinayak temple

Siddhivinayak Temple: सिद्धिविनायक, गणेश जी का सबसे लोकप्रिय रूप है। गणेश जी की जिन प्रतिमाओं की सूंड दाईं तरफ मुड़ी होती है, वे सिद्धपीठ से जुड़ी होती हैं और उनके मंदिर सिद्धिविनायक कहलाते हैं। कहते हैं कि सिद्धिविनायक की महिमा अपरम्पार है, वह...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Siddhivinayak Temple: सिद्धिविनायक, गणेश जी का सबसे लोकप्रिय रूप है। गणेश जी की जिन प्रतिमाओं की सूंड दाईं तरफ मुड़ी होती है, वे सिद्धपीठ से जुड़ी होती हैं और उनके मंदिर सिद्धिविनायक कहलाते हैं। कहते हैं कि सिद्धिविनायक की महिमा अपरम्पार है, वह भक्तों की मनोकामना को तुरन्त पूरा करते हैं। मान्यता है कि ऐसे गणपति बहुत ही जल्दी प्रसन्न होते हैं और उतनी ही जल्दी कुपित भी होते हैं।

वैसे तो सिद्धिविनायक के भक्त दुनिया के हर कोने में हैं लेकिन महाराष्ट्र में ये सबसे अधिक हैं। मुंबई के प्रभादेवी स्थित सिद्धिविनायक मंदिर उन गणेश मंदिरों में से एक है, जहां केवल हिंदू ही नहीं, बल्कि हर धर्म के लोग दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। हालांकि, इस मंदिर की न तो महाराष्ट्र के ‘अष्टविनायकों’ में गिनती होती है और न ही सिद्धटेक से इसका कोई संबंध है, फिर भी यहां गणपति पूजा का खास महत्व है। इसे जागृत स्थल माना जाता है। महाराष्ट्र में गणेश दर्शन के आठ सिद्ध ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल हैं, जो ‘अष्टविनायक’ के नाम से प्रसिद्ध हैं लेकिन अष्टविनायकों से अलग होते हुए भी इसकी महत्ता किसी सिद्ध-पीठ से कम नहीं है।

PunjabKesari Shri Siddhivinayak Temple

सिद्धिविनायक की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह चतुर्भुजी विग्रह है। उनके ऊपरी दाएं हाथ में कमल और बाएं हाथ में अंकुश है और नीचे के दाहिने हाथ में मोतियों की माला और बाएं हाथ में मोदक से भरा हुआ कटोरा है। गणपति के दोनों ओर उनकी दोनों पत्नियां रिद्धि-सिद्धि मौजूद हैं, जो धन, ऐश्वर्य, सफलता और सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने की प्रतीक हैं। मस्तक पर अपने पिता शिव के समान एक तीसरा नेत्र और गले में हार के स्थान पर एक सर्प लिपटा है।

सिद्धिविनायक का विग्रह अढ़ाई फुट ऊंचा है और यह 2 फुट चौड़े एक ही काले शिलाखंड से बना होता है। किंवदंती है कि इस मंदिर का निर्माण सम्वत् 1692 में हुआ था, किंतु सरकारी दस्तावेजों के अनुसार इस मंदिर का 19 नवम्बर, 1801 में पहली बार निर्माण हुआ था। सिद्धिविनायक का यह पहला मंदिर बहुत छोटा था। पिछले दो दशकों में इस मंदिर का कई बार पुननिर्माण हो चुका है। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने इस मंदिर के भव्य निर्माण के लिए 20 हजार वर्ग फुट की जमीन प्रदान की।

PunjabKesari Shri Siddhivinayak Temple

पांच मंजिला इमारत
मंदिर के ‘गभारा’ यानी गर्भगृह को इस तरह बनाया गया है, ताकि अधिक से अधिक भक्त गणपति का सभामंडप से सीधे दर्शन कर सकें। पहली मंजिल की गैलरियां भी इस तरह बनाई गई हैं कि भक्त वहां से भी सीधे दर्शन कर सकते हैं। अष्टभुजी गर्भग्रह तकरीबन 10 फुट चौड़ा और 13 फुट ऊंचा है। गर्भगृह के चबूतरे पर स्वर्ण शिखर वाला चांदी का सुंदर मंडप है, जिसमें सिद्धिविनायक विराजते हैं। गर्भगृह में भक्तों के जाने के लिए तीन दरवाजे हैं, जिन पर अष्टविनायक, अष्टलक्ष्मी और दशावतार की आकृतियां चित्रित हैं। वर्तमान में सिद्धिविनायक मंदिर की इमारत पांच मंजिला है और यहां प्रवचनग्रह, गणेश संग्रहालय व गणेश विद्यापीठ के अलावा दूसरी मंजिल पर अस्पताल भी है, जहां रोगियों की मुफ्त चिकित्सा की जाती है। इसी मंजिल पर रसोई घर भी है।

लागू किया गया ड्रैस कोड
मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में इस वर्ष जनवरी से श्रद्धालुओं के लिए ड्रैस कोड लागू किया गया था। इस नई व्यवस्था के तहत स्कर्ट, कटे-फटे कपड़े और रिवीलिंग ड्रैस पहनकर मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा। सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी ने कहा कि मुंबई स्थित सिद्धिविनायक मंदिर सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के सनातनी और गणेश भक्तों की आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। यहां पर लाखों लोग दर्शन के लिए आते हैं और आने वाले श्रद्धालुओं के जीवन का मनोरथ पूरा होता है लेकिन, जब लोग किसी पवित्र स्थल पर जाते हैं, तो वहां कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक होता है, ताकि उस स्थान की पवित्रता बनी रहे।

मंगलवार को यहां इतनी भीड़ होती है कि लाइन में चार-पांच घंटे खड़े होने के बाद दर्शन हो पाते हैं। हर साल गणपति पूजा महोत्सव यहां भाद्रपद की चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक विशेष समारोहपूर्वक मनाया जाता है। वर्ष 2024-25 में मंदिर को 133 करोड़ रुपए की रिकॉर्ड आय हुई जो इससे गत वर्ष से 15 प्रतिशत ज्यादा है।   

PunjabKesari Shri Siddhivinayak Temple

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!