कौन थे ऋषि कण्व, कहां है इनकी तपोस्थली?

Edited By Jyoti,Updated: 18 Mar, 2021 01:06 PM

story related about kanva maharshi

अगर हमारे हिंदू धर्म के ग्रंथों पर ध्यान दिया जाए तो लगभग प्रत्येक ग्रंथ में विभिन्न ऋषियों मुनियों का वर्णन पड़ने को मिलता है। त्रेता युग हो या द्वापर युग दोनों ही युगों में बहुत से ऐसे ऋषि रहे हैं

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
अगर हमारे हिंदू धर्म के ग्रंथों पर ध्यान दिया जाए तो लगभग प्रत्येक ग्रंथ में विभिन्न ऋषियों मुनियों का वर्णन पड़ने को मिलता है। त्रेता युग हो या द्वापर युग दोनों ही युगों में बहुत से ऐसे ऋषि रहे हैं, जिन्होंने प्राचीन काल में अपना खास योगदान दिया था। इन्हीं में से एक के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। भारत को वैदिक काल से ही ऋषि-मुनियों की धरती माना गया है। प्राचीन समय में हज़ारों ऋषि, मुनियों ने यहां बड़े-बड़े तप करते थे। अपने शक्तियों से वो ज्ञान और विज्ञान तो प्रकट करते थे। इन्हीं ऋषियों में से एक थे कण्व ऋषि थे। कौन थे ये ऋषि क्या है इनके रहस्य, आइए जानते हैं- 


धार्मिक कथाओं के अनुसार शकुन्तला का पालन करने वाले प्रसिद्ध ऋषियों में से एक थे, कण्व ऋषि । बता दें शकुंतला अप्सरा मेनका और विश्वामित्र की पुत्री तथा राजा दुष्यंत की पत्नी थी। महाकवि कालिदास ने अपने अभिज्ञान शाकुनंतलम् में दुष्यंत और शकुंतला की कहानी को बहुत अच्छे से चित्रित किया है। तो वहीं 103 सूक्त वाले ऋग्वेद की 8वें मण्डल के अधिकांश मंत्र महर्षि कण्व तथा उनके वंशजों व गोत्रजों द्वारा उच्चारित हैं। इसमें इन्हें अतिथि-प्रिय भी कहा गया है। ऐसा भी कहा जाता है कि देश के सबसे महत्वपूर्ण यज्ञ सोमयज्ञ को कण्व ने ही व्यवस्थित किया है। धार्मिक किंवदंतियों के अनुसार महर्षि कण्व ने एक स्मृति की भी रचना की है, जिसे 'कण्वस्मृति' के नाम से जाना जाता है।


वैदिक काल के ऋषि कण्व के आश्रम में हस्तिनापुर के राजा दुष्यंत की पत्नी शकुंतला एवं उनके पुत्र भरत का पालन-पोषण हुआ था। कुछ सूक्तों के अन्य भी द्रष्ट ऋषि हैं, किंतु 'प्राधान्येन व्यपदेशा भवन्ति' के अनुसार महर्षि कण्व अष्टम मण्डल के द्रष्टा ऋषि कहे गए हैं। इनमें लौकिक ज्ञान-विज्ञान तथा अनिष्ट-निवारण सम्बन्धी उपयोगी मंत्र हैं। सोनभद्र में जिला मुख्यालय से 8 कि.मी की दूरी पर कैमूर श्रृंखला के शीर्ष स्थल पर स्थित कण्व ऋषि की तपस्थली है जो कंडाकोट नाम से विख्यात है। 

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!