Edited By Prachi Sharma,Updated: 12 Oct, 2025 06:00 AM

कृष्ण देव राय विजयनगर साम्राज्य के सबसे शक्तिशाली राजा थे। उनके दरबार में साहित्यकारों को खूब सम्मान मिलता था। राजा होने के साथ-साथ वह कवि और लेखक भी थे। उनके दरबार में तेनालीराम नामक एक बुद्धिमान दरबारी था, जिसकी सलाह पर वह निर्भर रहते थे।
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Tenali Rama Story: कृष्ण देव राय विजयनगर साम्राज्य के सबसे शक्तिशाली राजा थे। उनके दरबार में साहित्यकारों को खूब सम्मान मिलता था। राजा होने के साथ-साथ वह कवि और लेखक भी थे। उनके दरबार में तेनालीराम नामक एक बुद्धिमान दरबारी था, जिसकी सलाह पर वह निर्भर रहते थे। कृष्ण देव राय के जीवन में ऐसा भी समय आया जब वह स्वास्थ्य के नियमों की अनदेखी करने लगे। इस अनदेखी से वह मोटे और चिड़चिड़े हो गए।
वैद्यों ने अनावश्यक खान-पान और मोटापे से होने वाले खतरों की चेतावनी दी। वैद्यों की सलाह पर पहले तो वह चिढ़े, फिर इस शर्त पर इलाज के लिए तैयार हुए कि यदि वैद्य उन्हें ठीक नहीं कर सका तो उसका सिर कलम करा देंगे। किसी भी वैद्य में यह साहस नहीं था कि राजा का इलाज शुरू कर सके। परेशान होकर वैद्य लोग समस्या के हल के लिए तेनालीराम के पास गए। तेनाली राम ने वैद्यों को जुगाड़ बताया।
दूसरे ही दिन एक ज्योतिषी ने भविष्यवाणी कर दी कि कृष्ण देव राय का जीवन अब एक महीना और बचा है। राजा को पता चला तो उन्होंने ज्योतिषी को एक महीने के लिए जेल में बंद कर दिया, जिससे उसकी भविष्यवाणी सच न होने पर उसे मृत्युदंड दिया जा सके।
एक महीने बाद उन्होंने ज्योतिषी को बुलाया और कहा, “बोलो, क्यों न तुम्हारा सिर कलम कर दिया जाए ?”

ज्योतिषी ने कहा, “राजन, आप अपनी सूरत आइने में देखिए, कितने दुबले-पतले हो गए हैं।” इसके बाद उसने राजा को बताया कि दरअसल ऐसा करने की सलाह उसे तेनाली राम ने दी थी। मौत का डर दिखाकर ही आपका खान-पान ठीक किया जा सकता था।
राजा तेनाली राम की बुद्धिमत्ता से प्रसन्न हुए और प्रतिज्ञा की कि वह अब बुरी आदतों के शिकार नहीं होंगे।
